सिविल अस्पताल का सुपरवाइजर दस हजार की रिश्वत लेता पकड़ा

हरिभूमि न्यूज. अंबाला
स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने नागरिक अस्पताल के सुपरवाइजर नरेंद्र को दस हजार रुपये की घूस लेते हुए रंगे हाथों काबू किया है। आरोपी वन विभाग में नौकरी लगवाने के लिए 75 हजार रुपये की डिमांड कर रहा था। रेड के दौरान जांच टीम ने आरोपी के कब्जे से घूस की एवज में ली गई पूरी राशि जब्त कर ली है। भ्रष्टाचार का केस दर्ज करने के बाद अब जांच टीम आरोपी से गहन पूछताछ कर रही है।
स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के डीआईजी अशोक कुमार ने बताया कि बुधवार को गांव कंगवाल के रहने वाले गुरजीत सिंह ने उनके पास एक शिकायत देकर नागरिक अस्पताल में तैनात सुपरवाइजर नरेंद्र पर नौकरी की एवज में घूस मांगने का आरोप लगाया था। गुरजीत ने बताया कि नरेंद्र ने उसे वन विभाग में नौकरी दिलवाने की एवज में 75 हजार रुपये की मांगे हैं। दस हजार रुपये उसे एडवांस दिए जाने हैं। शिकायत के बाद डीआईजी अशोक कुमार ने आरोपी नरेंद्र को रंगे हाथों काबू करने के लिए एक जांच टीम गठित की।
इस टीम को नरेंद्र काबू करने की जिम्मेदारी दी गई थी। डीसी विक्रम सिंह की ओर से कार्रवाई के लिए बीडीपीओ नारायणगढ़ संजय टांक को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया था। इसके बाद आरोपी को काबू करने की कार्रवाई की गई। योजनाबद्ध तरीके से जांच टीम ने नरेंद्र को दस हजार रुपये की घूस लेते हुए काबू कर लिया। मौके पर उसके हाथ धुलवाए गए। जिसके बाद नोटों पर लगा रंग लाल हो गया। डीआईजी अशोक कुमार ने बताया कि अगर नौकरी लगवाने या फिर कोई काम करवाने की एवज में कोई घूस मांगें तो उसकी शिकायत तुरंत स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को दी जाए ताकि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो सके। फिलहाल लंबे समय बाद हुई इस रेड के कारण विभागीय कर्मियों में हड़कंप की स्थिति देखी जा रही है।
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