हरियाणा में सैकड़ों विद्यार्थियों के 10वीं के प्रमाण पत्र मिले फर्जी, कोविड महामारी में मिली छूट का उठाया गलत फायदा

हरियाणा में सैकड़ों विद्यार्थियों के 10वीं के प्रमाण पत्र मिले फर्जी, कोविड महामारी में मिली छूट का उठाया गलत फायदा
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हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी के सचिव ने अपराध जांच विभाग पंचकूला के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को पत्र भेजा है। इस शिकायत में सचिव ने बताया कि यह मामला माध्यमिक (सेकेंडरी) परीक्षा के फेक प्रमाण पत्र से संबंधित है।

हरिभूमि न्यूज : नारनौल

कोविड-19 महामारी के बीच शिक्षा विभाग ने परीक्षाएं रद्द कर दी थी। इसके बाद 12वीं की परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों की ओर से जमा करवाई गई 10वीं की मार्कशीट संबंधित दस्तावेजों की जांच पड़ताल की गई तो सच सामने आया है। प्रदेश में ऐसे 129 परीक्षार्थियों की पहचान हुई है, जिनका 10वीं का प्रमाण पत्र फेक प्रमाण पत्र मिला है। इनमें नारनौल सदर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एरिया के चार परीक्षार्थी मंगलसिंह, जतीन यादव, करूण शर्मा व बंटी को आरोपित बनाया गया है। इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 420,467,468,471 के तहत केस दर्ज किया गया है।

हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी के सचिव ने अपराध जांच विभाग पंचकूला के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को पत्र भेजा है। इस शिकायत में सचिव ने बताया कि यह मामला माध्यमिक (सेकेंडरी) परीक्षा के फेक प्रमाण पत्र से संबंधित है। सत्र अप्रैल-2021 में कोविड-19 महामारी के कारण प्रदेश सरकार/शिक्षा विभाग के आदेशानुसार बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन नहीं हुआ। जिन अभयार्थियों को 12वीं परीक्षा में पूर्ण विषयों के अंतर्गत सम्मिलित होना था, कोविड-19 महामारी के कारण परीक्षाएं रद्द होने के कारण सरकार/बोर्ड द्वारा तय की गई नीति के अनुसार बोर्ड परीक्षाओं में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थियों का परिणाम घोषित किया जाना था।

12वीं वार्षिक परीक्षा अप्रैल-2021 में सम्मिलित होने वाले विद्यालय परीक्षार्थी जिनके द्वारा 10वीं की परीक्षा अन्य राज्य बोर्डों से पास की गई थी। ऐसे विद्यालयों के परीक्षार्थियों की परीक्षा की पात्रता से संबंधित दस्तावेज चैक किए गए। पात्रता संबंधित दस्तावेज चैक करने उपरांत पाया गया कि कुछ परीक्षार्थियों के 10वीं प्रमाण पत्र हरियाणा बोर्ड की 10वीं परीक्षा के समकक्ष नहीं है अर्थात 10वीं प्रमाण पत्र फेक है। विद्यालय भी ऐसे परीक्षार्थियों को प्रवेश के समय परीक्षा का पात्रता से संबंधित दस्तावेज चैक करने उपरांत प्रवेश दिया जाना चाहिए था जोकि विद्यालयों द्वारा चैक नहीं किए गए है जोकि उचित नहीं है।

प्रलोभनों से विद्यार्थियों के भविष्य से हो रहा खिलवाड़

जांच का विषय यह है कि 10वीं फेक प्रमाण पत्र परीक्षार्थियों को किस माध्यम से उपलब्ध हुए। ऐसे माध्यमों का पता करना तथा उन पर रोक लगाना अति आवश्यक है, क्याेंकि इन माध्यमों के प्रलोभनों के कारण परीक्षार्थियों के आर्थिक शोषण के साथ-साथ उनके भविष्य से भी खिलवाड़ किया जा रहा है। प्रलोभन वश ऐसे माध्यमों का शिकार छात्र भी दोषी हैं, क्याेंकि इन्हीं के कारण ऐसे माध्यमों को बढ़ावा मिल रहा है। जिन विद्यालयों द्वारा नियमों के विरूद्ध 19वीं फेक प्रमाण पत्र के आधार पर ऐसे परीक्षार्थियों को अप्रैल-2021 की परीक्षाओं हेतु सम्मिलित करवाया गया था। ऐसे दोषी परीक्षार्थियों का वरिष्ठ माध्यमिक परीक्षा परिणाम बोर्ड कार्यालय द्वारा रद्द घोषित किया गया है।

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