रजिस्टरी फर्जीवाड़े मामले में क्लर्क गिरफ्तार, भेजा जेल

हरिभूमि न्यूज. जींद
आर्थिक अपराध शाखा ने चार साल पुराने रजिस्टरी फर्जीवाड़े में तत्कालीन रजिस्टरी क्लर्क को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। जहां से अदालत ने आरोपित को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अर्बन एस्टेट निवासी सुशीला ने 21 मई 2017 को पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि उसका गांव हैबतपुर के निकट प्लाट है। उसके भतीजे गांव खुंगा निवासी जितेंद्र व हितेंद्र ने 22 लाख 95 हजार रुपये में प्लाट का सौदा कर लिया। 29 मार्च को रजिस्टरी की तारिख निर्धारित कर दी गई। जितेंद्र तथा हितेंद्र ने सौदा हुए प्लाट की रजिस्टरी उनकी पत्नी सुमन तथा ज्योति के नाम करवाने की बात कही। तहसील कार्यालय में सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद दोनों से पेमेंट मांगी तो उन्होंने राशि घर जाकर देने की बात कही।
जिसके बाद वह बिना रजिस्टरी करवाए अपने घर लौट गई। बाद में दोनों ने प्लाट पर मालकीयत का दावा भी किया और उसकी रजिस्टरी भी बनवा ली। जिसमें तहसील के रजिस्टरी क्लर्क उनके रिश्तेदार संजीव ने दोनों का सहयोग किया। जबकि न तो उसने स्वयं स्टॉप पेपर निकलवाए और न ही अर्जी निवेश के रजिस्टर में हस्ताक्षर किए। सदर थाना पुलिस ने सुशीला की शिकायत पर गांव खुंगा निवासी जितेंद्र, उसकी पत्नी सुमन, हितेंद्र, उसकी पत्नी ज्योति तथा रजिस्टरी कर्लक संजीव के खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में ख्यानत, जान से मारने की धमकी देने सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। आर्थिक अपराध शाखा ने कार्रवाई करते हुए तत्कालीन रजिस्टरी क्लर्क संजीव को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। जहां से अदालत ने आरोपित को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। आर्थिक अपराध शाखा के जांच अधिकारी अजय ने बताया कि रजिस्टरी क्लर्क पर फर्जीवाड़े को अंजाम देकर रजिस्टरी करने का आरोप था। उसी मामले में रजिस्टरी क्लर्क को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई। जिसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
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