एटीएम कार्ड का क्लोन बना रुपये निकालने वाले अंतराज्जीय कुख्यात गिरफ्तार, कर चुके 100 से ज्यादा वारदात

एटीएम कार्ड का क्लोन बना रुपये निकालने वाले अंतराज्जीय कुख्यात गिरफ्तार, कर चुके 100 से ज्यादा वारदात
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आरोपी एटीएम कैबिन में लोगों को बातों में लगाकर मदद करने के बहाने उनके एटीएम का पिन कोड देख लेते और छोटे स्वाइप डिवाइस से कार्ड को स्वाइप करके क्लोन एटीएम तैयार कर लेते थे।

हरिभूमि न्यूज : कैथल

सीआईए पुलिस ने बैंक के एटीएम कक्ष में नकदी निकाल रहे भोले-भाले नागरिकों की मदद करने के बहाने आपराधिक षड्यंत्र के तहत एटीएम का क्लोन करके तैयार किए गए बोगस एटीएम की मार्फत जालसाजी पूर्वक नकदी चुराने वाले शातिर अंतरराज्जीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। जिला जींद निवासी दो आरोपी दबिश देकर गिरफ्तार किए हैं। आरोपी हरियाणा व भारत के विभिन्न राज्यों में चोरी व एटीएम क्लोन की मार्फत नकदी हडपने की 100 से ज्यादा वारदातों को अंजाम दे चुके है। दोनों आरोपियों के कब्जे से एटीएम कार्ड क्लोन करके हड़पे गए 44 हजार रुपये, वारदात में प्रयुक्त कार्ड क्लोन डिवाइस व एक मोबाइल फोन बरामद किए हैं। व्यापक पूछताछ के लिए दोनों आरोपियों का 5 मार्च को न्यायालय से पुलिस हिरासत रिमांड हासिल किया गया है।

एसपी लोकेंद्र सिंह ने बताया कि स्पेशल साइबर क्राइम यूनिट प्रभारी इंस्पेक्टर अमित कुमार की अगुवाई में सहायक उपनिरिक्षक सुरेंद्र कुमार की टीम द्वारा एटीएम से जालसाजी पूर्वक नकदी हड़पने के एक मामले की जांच दौरान एक अप्रैल को गांव धमतान साहिब में दबिश देकर इसी गांव निवासी करीब 31 वर्षीय आरोपी जोगिंद्र सिंह तथा 24 वर्षीय दीपक उर्फ प्रवीण को गिरफतार किया गया था। दोनों आरोपियों का न्यायालय से 5 अप्रैल तक रिमांड हासिल किया था, जिसके दौरान आरोपियों की निशानदेही पर उनके कब्जे से 44 हजार रुपये, वारदात में प्रयुक्त कार्ड क्लोन डिवाईस तथा मोबाइल फोन बरामद कर लिया गया। आरोपियों द्वारा कैथल क्षेत्र में इस प्रकार की आधा दर्जन अन्य वारदातों को अंजाम देना कबूला गया है।

यूं देते थे वारदात को अंजाम

एसपी ने बताया कि आरोपी एटीएम कैबिन में अनपढ व भोले लोगों को बातों में लगाकर मदद करने के बहाने उनके एटीएम का पिन कोड देख लेते हैं तथा अपने हाथ में पकड़े छोटे स्वाईप डिवाईस से कार्ड को स्वाईप करके उपभोक्ता के एटीएम कार्ड का क्लोन एटीएम तैयार कर लेते हैं। आरोपियों ने कबूला कि स्वाइप करते ही एटीएम का सारा डेटा उस स्वाईप डिवाईस में अपलोड हो जाता है तथा डिवाईस को मोबाईल फोन से कनैक्ट करके मोबाईल फोन में एमएसआर नाम की एप्लीकेशन की मार्फत स्वाईप किए हुए एटीएम कार्ड के डाटा से दूसरे क्लोन एटीएम कार्ड तैयार कर लेते है, जबकि उस एटीएम का पिनकोड वे पहले ही पहचान चुके होते हैं। इसके उपरांत वे विभिन्न स्थानों पर यूनियन बैंक ऑफ ईंडिया, ओबीसी बैंक तथा पोस्टल बैंक की एटीएम मशीन से तैयार किए गये बोगस एटीएम कार्ड की मार्फत नकदी निकाल लेते थे।

एमपी और एचपी में हैं चोरी के मामले दर्ज

जिसके दौरान आरोपियों के खिलाफ मध्य प्रदेश व हिमाचल प्रदेश में रेलगाड़ियों में तथा अन्य स्थानों पर चोरियां करने के काफी मामले दर्ज हो चुके हैं। चोरी की वारदातों को छोडने उपरांत गांव के ही एक शातिर आरोपी से एटीएम की मार्फत धोखाधडी करने के तरीकों बारे जानकारी लेने के बाद इस प्रकार की वारदातों को अजांम देने लगे, जिसके दौरान पंजाब व हरियाणा सहित विभिन्न राज्यों में करीब 100 वारदातों को अंजाम देकर धोखाधड़ी पूर्वक नागरिकों की लाखों रुपए नकदी हड़प चुके हैं।



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