अब क्लस्टर स्तर बनेगी शिक्षा विकास समिति, सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों का होगा प्रतिनिधित्व

कुरुक्षेत्र। नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन की दृष्टि से आयोजित क्लस्टर स्तरीय अधिकारियों की कार्यशाला का दूसरा बैच गुरुवार को राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल थानेसर के केशव सभागार में शुरू हुआ। इस बैच में पानीपत व महेन्द्रगढ़ जिलों के लगभग 300 अधिकारी भाग ले रहे हैं। दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का उदघाटन डीईईओ विनोद कौशिक ने किया। कार्यशाला में चर्चा की गई कि पहले से सक्रिय क्लस्टरों को अब नई भूमिका में लाना है और अब क्लस्टर स्तर बनेगी शिक्षा प्रबंधन समिति का गठन किया जाना है।
डीईईओ विनोद कौशिक ने कहा कि आज का युग सूचना प्रौद्योगिकी का युग है और नई जरूरतों के अनुसार स्वयं को ढालना सभी का विशेषकर शिक्षा क्षेत्र के लोगों के लिए बहुत आवश्यक है। शिक्षक को अपना ज्ञान नियमित रूप से अपडेट करते रहना चाहिए। नई शिक्षा नीति के चैप्टर 7 के अंतर्गत क्लस्टर स्तर को और मजबूत करने पर बल दिया गया है और यह कार्यशाला उसी दिशा में एक सार्थक कदम है। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम को एक औपचारिकता के रूप में न लें बल्कि एक अवसर के रूप में देखें। इस कार्यशाला सभी अधिकारियों को क्लस्टर स्तर पर उन्मुखन कॉम्प्लेक्स, क्लस्टर विकास योजना और क्लस्टर विकास समिति के गठन की जानकारी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त निपुण हरियाणा मिशन व क्लस्टर स्तरीय समीक्षा व निगरानी प्रणाली पर भी सभी पक्ष चर्चा करेंगे।
उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रदेश भर के 1418 क्लस्टर स्कूलों में स्कूल शिक्षा विभाग एक नई व्यवस्था को लागू करने जा रहा है जिसके जहां स्कूलों की सभी जरूरतों को पूरा किया जायेगा । कलस्टर के अधीन आने वाले सभी प्राइवेट व सरकारी स्कूलों के बीच दूरियां कम होगीं। इसके लिए पहले से बनी कलस्टर व्यवस्था को ओर अधिक सशक्त किया जायेगा। इसके अलावा हर संकुल हैड को अपने संकुल की मैनेजमेंट कमेटी का गठन कर क्लस्टर डेवलपमेंट प्लान तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि क्लस्टर अब केवल औपचारिकता पूरी करने की कड़ी के रूप में काम नहीं करेंगे बल्कि नई शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने में अहम भूमिका निभाएंगे।
उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में जिला व खंड स्तर पर होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम भी क्लस्टर लेवल पर आयोजित होंगे। इसलिए सभी क्लस्टर संसाधन समन्वय सीआरसी कार्यशाला में दी जानकारियों को न केवल सुनें बल्कि समझकर आत्मसात करें। प्रशिक्षण में दी गई समय सारणी का पूरी तरह से पालन करें। बीईओ इंदु कौशिक ने अतिथियों का स्वागत किया तो कार्यक्रम का संचालन सतबीर शर्मा ने किया। इसके बाद पूर्व डीईओ प्रेम पुनिया, बीईओ धर्मपाल, निदेशालय से एफएलएन कॉर्डिनेटर रितेश कुमार आदि ने मास्टर ट्रेनर के रूप में कार्यशाला के निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार विभिन्न विषयों की विस्तृत जानकारी दी।
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