जींद में पकड़ी नकली दवा बनाने वाली फैक्टरी : सीएम फ्लाइंग की छापेमारी, भारी मात्रा में एंटीबायोटिक दवाएं बरामद

हरिभूमि न्यूज. जींद
सीएम फ्लाइंग ने वीरवार को अवैध दवाई फैक्टरी पर छापेमारी कर लोगों की सेहत से खिलवाड़ का भंडाफोड किया है। फैक्टरी में एंटीबायोटिक दवाइयों को पैक कर उन्हें सप्लाई किया जा रहा था। जिसके लिए बकायदा ऑटोमैटिक मशीने लगाई गई थी। ड्रग फैक्टरी प्राइवेट स्कूल कैंपस में चल रही थी। बिजली कनेक्शन घरेलू था और प्रयोग कमर्शियल पाया गया। कार्रवाई में सीएम फ्लाइंग के साथ ड्रग विभाग, बिजली निगम, स्थानीय पुलिस के साथ खुफिया विंग भी साथ रही।
छापेमारी के दौरान लगभग डेढ क्विंटल से ज्यादा दवाइयां तथा पाउडर बरामद हुआ है। काफी संख्या में कैप्सूल, गोलियां पैकिंगों व कट्टों में भरी हुई थी। ड्रग विभाग ने बरामद हुई दवाइयों के सैंपल लेकर जांच के लिए लैबोरेटरी भेज दिए है। जिला ड्रग कंट्रोलर की शिकायत पर सिविल लाइन थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने स्कूल संचालक तथा ड्रग फैक्टरी संचालक को हिरासत में ले बरामद दवाइयों, रेपर, मशीनों को कब्जे में ले लिया है।
सीएम फ्लाइंग को सूचना मिली थी कि सामान्य अस्पताल के पीछे श्योराण कालोनी में निजी स्कूल परिसर में दवाई निर्माण की फैक्टरी चल रही है। जिसके आधार पर सीएम फ्लाइंग के डीएसपी रविंद्र कुमार, निरीक्षक राजदीप के नेतृत्व में स्कूल परिसर में दस्तक दी। छापेमारी के दौरान जिला ड्रग कंट्रोलर विजय राजे तथा बिजली निगम के एसडीओ कृष्ण कुमार तथा सिविल लाइन थाना प्रभारी डा. सुनील कुमार भी शामिल हुए। स्कूल इमारत के साथ शैड डालकर ऑटोमैटिक मशीन लगाई गई थी, जिसमे दवाइयों की पैकिंग के साथ साथ मूल्य, ब्रांड समेत शामिल था। वहीं कैप्सूल में दवाई भरने की ऑटोमैटिक मशीने और उनको मूल्यों समेत पैकिंग शामिल थी। कट्टों में खुली गोलियां भरी गई थी तो इसी प्रकार कट्टों में खुला दवाइयों का पाउडर भी भरा गया था। काफी मात्रा में विभिन्न ब्रांडों के रेपर, कुछ पर मुम्बई तो कुछ पर बद्दी हिमाचल प्रदेश लिखा गया था।
मौके पर पुलिस ने स्कूल संचालक गौरव तथा फैक्टरी संचालक हाउसिंग बोर्ड निवासी रवि को हिरासत में ले लिया। छानबीन में सामने आया कि स्कूल संचालक गौरव ने फैक्टरी की जगह को हाउसिंग बोर्ड निवासी रवि को किराए पर दिया हुआ था और पिछले चार पांच माह से यह धंधा चल रहा था। रवि ने बताया कि शहर का एक कैमिस्ट उसे दवाइयां उपलब्ध करवाता था, जिन्हें पैकिंग के बाद वापस उसी कैमिस्ट को दे देता था। बाद में पुलिस ने दोनों को साथ लेकर कैमिस्ट के ठिकाने पर छापेमारी भी की लेकिन उसका सुराग नहीं लगा। ड्रग फैक्टरी संचालक के पास किसी प्रकार का कोई लाइसेंस या दस्तावेज नहीं पाया गया, जिस पर पुलिस ने स्कूल संचालक तथा फैक्टरी संचालक को हिरासत में ले लिया। बरामद दवाइयों के सैंपलों को जांच के लिए लैबोरेटरी भेज दिया गया।
ड्रग विभाग के सीनियर ड्रग कंट्रोलर गुरुचरण सिंह ने बताया कि दवाइयों के सैंपल जांच के लिए लैबोरेटरी भेजे गए है। ड्रग फैक्टरी संचालक के पास कोई कागजात नहीं पाया गया। जिला ड्रग कंट्रोलर विजयराजे द्वारा मामले की शिकायत पुलिस को दे दी गई है।
सीएम फ्लाइंग के डीएसपी रविंद्र कुमार ने बताया कि सूचना के आधार पर अवैध ड्रग फैक्टरी पर छापेमारी की गई। दवाइयों को पैकिंग कर बाहर सप्लाई किया जा रहा था। किसी प्रकार का कोई दस्तावेज नहीं पाया गया। फैक्टरी निजी स्कूल परिसर में चलाई जा रही थी। आगामी कार्रवाई ड्रग विभाग तथा स्थानीय पुलिस करेगी।
बिजली निगम के एसडीओ कृष्ण कुमार ने बताया कि स्कूल में घरेलू कनेक्शन लिया गया था। जबकि उसके अंदर फैक्टरी चल रही थी। मकान का लोड पांच किलोवाट दिखाया गया था, जांचने पर 21 किलोवाट लोड पाया गया। बिजली निगम नियमानुसार बिल्डिंग मालिक के खिलाफ कार्रवाई अमल में ला रहा है।
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