ई-अधिगम योजना शुरू : सीएम खट्टर ने सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले 10वीं व 12वीं के विद्यार्थियों को टैब वितरित किए

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रोहतक से 'ई-अधिगम' योजना का शुभारंभ करते हुए 10वीं और 12वीं कक्षाओं के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को टैबलेट वितरित किए उनके साथ शिक्षा मंत्री कंवर पाल भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान आयोजित की गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
इस दौरान प्रदेश के सभी जिलों से वर्चुअल माध्यम से जुड़े और बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों से संवाद भी किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों के छात्रों को पहले पुस्तकों को बैग में भरकर लाना पड़ता था लेकिन आज से इस टैब में ही उनकी किताबें आएंगी। उन्होंने कहा कि कोरोना ने स्वास्थ्य के बाद शिक्षा को सबसे ज्यादा प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में तकनीक को अपनाकर शिक्षा देने की योजना को देश भर में लागू करने के लिए वर्ष 2030 तक का लक्ष्य रखा गया है जबकि हम 2025 तक इसे लागू करने को लेकर संकल्पित हैं।
Live: मुख्यमंत्री श्री @mlkhattar द्वारा 'ई-अधिगम योजना' का शुभारंभ https://t.co/JPocn6cehf
— CMO Haryana (@cmohry) May 5, 2022
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आज शिक्षा के क्षेत्र में एक बहुत बड़ी क्रांति की शुरुआत हो रही है। आज तक सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए देश के किसी और प्रदेश में इतना बड़ा अभियान नहीं चला। देश के किसी भी राज्य ने एक साथ 5 लाख बच्चों को टैबलेट वितरित नहीं किए। हरियाणा ऐसा पहला राज्य है। सरकार 9वीं से 12वीं के बच्चों को टैबलेट देगी। उन्होंने कहा कि एक समय था जब स्कूल में जाने के लिए पुस्तकों के साथ तख्ती पर लिखा करते थे लेकिन आज उस तख्ती की जगह टैबलेट ने ले ली है। अब बच्चे इसपर अभ्यास करेंगे। ई-अधिगम योजना शिक्षा क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी। आने वाले समय में शिक्षा क्षेत्र में और भी कई सुधार किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के कारण शिक्षा क्षेत्र में बहुत प्रभाव पड़ा और स्कूल बंद करने पड़े, लेकिन अब टैबलेट नया क्लासरूम बन गया है। और ई बुक्स के माध्यम से तो यह फुल फ्लेज्ड क्लास रूम ही बन गया है।
छोटे से छोटे लेवल पर विद्यार्थियों को देंगे आईटी की शिक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आईटी का युग है। बहुत सारे छोटे-छोटे देशों की अर्थव्यवस्था आईटी पर आधारित है। इजराइल, ट्यूनिशिया और फिनलैंड जैसे देशों ने आईटी स्टार्टअप के माध्यम से काम किया है। छोटे-छोटे देश आईटी के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार नई शिक्षा नीति को महत्व दे रही है। इसके तहत छोटे से छोटे लेवल पर विद्यार्थियों को आईटी की शिक्षा देनी शुरू करेंगे। नई शिक्षा नीति को जहां देशभर में 2030 तक लागू किया जाएगा वहीं हरियाणा ने इसे 2025 तक लागू करने का लक्ष्य लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूनिवर्सिटी में केजी टू पीजी प्रोग्राम शुरू किया है। इसके तहत यूनिवर्सिटी में ही विद्यार्थियों को शुरूआती शिक्षा दी जाएगी। हरियाणा की दो यूनिवर्सिटी एमडीयू और कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी ने यह कार्यक्रम शुरू कर दिया है।
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