CM Manohar Lal बोले : परिवार पहचान पत्र के डेटा के आधार पर 1 लाख 40 हजार वृद्धों की पेंशन ऑटोमेटिक बनी

- राज्य में 18,52,085 बुजुर्गों को लगभग 506.50 करोड़ रुपए की राशि प्रतिमाह प्रदान दी जा रही
- 2014 में मिलती थी 1000 रुपए मासिक पेंशन, वर्तमान सरकार ने 3 गुणा बढ़ाई
Haryana : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार ने लोगों को दफ्तर, दरखास्त और दस्तावेज से मुक्ति दिलाते हुए उन्हें घर बैठे ही योजनाओं का लाभ देना सुनिश्चित किया है। इस दिशा में परिवार पहचान पत्र सबसे अहम दस्तावेज बनकर उभरा है। मई 2022 में सरकार ने वृद्धावस्था सम्मान भत्ते को परिवार पहचान पत्र से जोड़ा और तब से अब तक लगभग 1 लाख 40 हजार वृद्धों का भत्ता ऑटोमेटिकली शुरू किया जा चुका है। इस समय प्रदेश में 18 लाख 52 हजार 85 बुजुर्गों को लगभग 506 करोड़ 50 लाख रुपए की राशि प्रतिमाह प्रदान की जा रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वृद्धावस्था सम्मान भत्ते का ज्यादा से ज्यादा वृद्धों को लाभ पहुंचाने के लिए आय सीमा को 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए वार्षिक तक की है। भविष्य में भी जो व्यक्ति 60 साल की आयु पूरी कर लेगा तथा पति-पत्नी की आय 3 लाख रुपए वार्षिक तक होगी, उसका वृद्धावस्था सम्मान भत्ता ऑटोमेटिक शुरू हो जाएगा। इसके लिए केवल पात्र व्यक्ति की सहमति ली जाएगी। 2014 में लाभार्थियों को 1000 रुपए मासिक पेंशन मिलती थी। सरकार ने हर साल इस सम्मान भत्ता की राशि में वृद्धि करते हुए 2,750 रुपए मासिक किया और अब आगामी पहली जनवरी, 2024 से इस राशि को बढ़ाकर 3 हजार रुपए कर दिया है। उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन के अलावा सरकार विधवा महिलाओं, गंभीर बिमारी से ग्रस्त व्यक्तियों और दिव्यांग व्यक्तियों को भी पेंशन का लाभ देती है। अब सरकार ने विधुर को भी 40 साल की आयु के बाद तथा 45 वर्ष से 60 वर्ष आयु वाले अविवाहित पुरुषों के लिए भी मासिक पेंशन देने की शुरुआत की है। इस प्रकार राज्य में कुल 30 लाख लोगों को मासिक पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। इस प्रकार जनवरी, 2024 से एक बड़ा हिस्सा पेंशन सुविधाओं के लिए खर्च होगा।
सम्मान भत्ता बनवाने की प्रक्रिया को बनाया आसान
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में जब सरकार बनाई, तो उस समय यह दृश्य देखकर पीड़ा होती थी कि वृद्धावस्था सम्मान भत्ता बनवाने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे। सरपंच से लिखवाना पड़ता था, पटवारी, तहसीलदार या समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों से मिन्नतें करनी पड़ती थी। अत्यधिक मानव हस्तक्षेप होने की वजह से यह व्यवस्था पक्षपातपूर्ण भी थी और वृद्धावस्था सम्मान भत्ते के लिए अपात्र लोग भी वृद्धावस्था सम्मान भत्ता लेने में सफल हो जाते थे और पात्र वंचित रह जाते थे। बुजुर्गो की इस पीड़ा को समझा और टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके भेदभाव वाली व्यवस्था को खत्म किया है। इसके लिए सरकार ने परिवार पहचान पत्र बनाया। यह परिवार पहचान पत्र का ही कमाल है कि वृद्धावस्था सम्मान भत्ता बनवाने के लिए अब नागरिकों को दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पड़े, न ही दरखास्त देनी पड़ी और न ही दस्तावेज जमा करवाने पड़े।
अकेले रह रहे बुजुर्गों की देखभाल के लिए बनाई प्रहरी योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बुजुर्गों के लिए एक नई योजना बनाई है। इस वित्त वर्ष के बजट में 80 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गो के लिए प्रहरी योजना शुरू करने की घोषणा की थी। परिवार पहचान पत्र के डेटा के अनुसार प्रदेश में 80 वर्ष से अधिक आयु के 3 लाख 30 हजार बुजुर्ग हैं। इनमें से 3600 बुजुर्ग तो ऐसे हैं, जो अकेले रह रहे हैं। प्रहरी योजना में इन बुजुर्गों की कुशल क्षेम जानने के लिए सरकारी कर्मचारी दो महीने में एक बार उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलने जाते हैं। यदि किसी बुजुर्ग को चिकित्सा सहायता, सम्पत्ति की सुरक्षा अथवा किसी अन्य मदद की जरूरत होगी, तो संबंधित सरकारी विभाग के माध्यम से उनकी मदद की जाएगी।
39 लाख परिवारों को घर बैठे ही ऑटोमेटिक ढंग से बी.पी.एल. कार्ड प्रदान किए
उन्होंने कहा कि पहले बी.पी.एल. कार्ड बनाने के लिए सर्वे करवाए जाते थे। एक बार सर्वे करवाने के बाद फिर लम्बे समय तक दूसरा सर्वे नहीं होता था और गरीब लोग अपना बी.पी.एल. कार्ड बनवाने के लिए अगले सर्वे का इंतजार करते रहते थे। लेकिन अब हमने डायनेमिक इनकम सिस्टम कर दिया है। यदि किसी परिवार की आय कम हो जाती है तो उसका बी.पी.एल. कार्ड स्वतः ही बन जाता है। हमनें 25 दिसम्बर, 2022 से ऑटो मोड पर बी.पी.एल. राशन कार्ड बनाने का कार्य शुरू किया था। पहले उन परिवारों को बी.पी.एल. में शामिल किया गया था जिनकी वार्षिक आय 1 लाख 20 हजार रुपए से कम थी। हमने यह आय सीमा बढ़ाकर 1 लाख 80 हजार रुपए वार्षिक कर दी। इससे अभी तक 20 लाख नए परिवार बी.पी.एल. में आ गए हैं।
हरियाणा के लगभग 40 लाख अंत्योदय परिवार आयुष्मान भारत- चिरायु योजना का उठा रहे लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने आयुष्मान भारत- चिरायु योजना को भी परिवार पहचान पत्र से जोड़ा है। यह योजना डबल इंजन सरकार का सबसे उत्तम उदाहरण है। केन्द्र सरकार की आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना में हरियाणा के 15 लाख परिवारों को 5 लाख रुपए का वार्षिक इलाज मुफ्त मिलता है। साथ ही 2 नवम्बर से पहले तक हरियाणा सरकार की चिरायु योजना से लगभग 11 लाख परिवारों को यह लाभ मिल रहा था। 2 नवम्बर को अंत्योदय महासम्मेलन के मुख्य अतिथि केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा इस योजना में 14 लाख नए परिवार जोड़े गए। अब केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजना को मिलाकर हरियाणा के लगभग 40 लाख अंत्योदय परिवार आयुष्मान भारत- चिरायु योजना का लाभ उठा रहे हैं।
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