सीएम विंडो ने खोली नेशनल हेल्थ मिशन के फर्जीवाड़े की पोल, तीन कर्मचारियों पर गिरी गाज

सीएम विंडो ने खोली नेशनल हेल्थ मिशन के फर्जीवाड़े की पोल, तीन कर्मचारियों पर गिरी गाज
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इस पूरे मामले की जांच कैथल के मौजूदा एसडीएम संजय कुमार द्वारा की गई जिसकी जांच रिपोर्ट में जीआईसी मैनेजर वीरेंद्र कुमार की डिग्री फर्जी पाई गई।

हरिभूमि न्यूज : कैथल

कैथल के सरकारी अस्पताल में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत लगे कर्मचारियों की नियुक्ति व योग्यता का विषय अक्सर चचाअरं में रहता है इनके खिलाफ आज एक बार फिर बड़ी कार्रवाई सामने आई है। जिसमें सीएमओ कैथल ने 3 कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया है और एक कर्मचारी शिकायत होने के बाद स्वयं नौकरी छोड़ गया तथा एक जिला प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विभाग से मार्गदर्शन मांगा है

अब कैथल के सरकारी अस्पताल में एनएचएम स्कीम के तहत लगे कई कर्मचारियों के खिलाफ आरटीआई कार्यकर्ता जयपाल रसूलपुर द्वारा सीएम विंडो पर की गई शिकायत मैं यह आरोप लगाया था कि सरकारी अस्पताल कैथल में एनएचएम स्कीम के तहत जो कर्मचारी लगाए गए हैं उनकी डिग्रियां फर्जी है और उनकी नियुक्तियां बिना किसी विज्ञापन व शैक्षणिक योग्यता को ताक पर रखकर की गई हैं।

इस पूरे मामले की जांच कैथल के मौजूदा एसडीएम संजय कुमार द्वारा की गई जिसकी जांच रिपोर्ट में जीआईसी मैनेजर वीरेंद्र कुमार की डिग्री फर्जी पाई गई तथा एक फोर्थ क्लास महिला कर्मचारी अंगूरीदेवी को बिना किसी विज्ञापन के ही नौकरी पर रखा गया। इतना ही नहीं उक्त महिला की नियुक्ति के दौरान कोई भी शैक्षणिक योग्यता का दस्तावेज नहीं लिया गया और न ही उसकी आयु संबंधित नियम को ध्यान में रखा गया। ऐसे ही एक और फोर्थ क्लास महिला पूनम धीमान जो सरकारी अस्पताल में कुक कम हेल्पर की पोस्ट पर थी वह रामा कॉलेज ऑफ नसिंर्ग कुतुबपुर से नौकरी के साथ-साथ रेगुलर जीएनएम का कोर्स कर रही थी। इसकी कोई भी अनुमति विभाग से नहीं ली गई थी ठीक इसी तरह रेखा देवी को भी बिना किसी विज्ञापन के फोर्थ क्लास कर्मचारी के तौर पर नियुक्ति की गई थी। जब इसकी शिकायत सीएम विंडो पर की गई तो उक्त महिला कर्मचारी ने अपने आप ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस तरह इन तीनों कर्मचारियों को एसडीएम ने अपनी जांच में दोषी पाया और इनके खिलाफ उचित कार्यवाही करने के लिए सीएमओ कैथल को लिख दिया था। जिसके बाद सीएमओ कैथल ने उचित संज्ञान लेते हुए अब इन तीन कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से निष्कासित कर दिया है।

ऐसी ही एक शिकायत सीएम विंडो पर और की गई थी जिसमें एनएचएम के जिला प्रबंधक नरेंद्र कुमार के खिलाफ आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने जॉइनिंग के टाइम दिए गए डिक्लेरेशन फॉर्म के नियमों की उल्लंघना की है। जयपाल ने बताया कि एनएचएम नियमानुसार जब किसी कर्मचारी को नियुक्ति दी जाती है तो उनसे एक डिक्लेरेशन लिया जाता है कि उनके खिलाफ कोई भी मामला या कोर्ट केस पेंडिंग नहीं है। परंतु उक्त डी पी एम नरेंद्र कुमार के खिलाफ सीबीआई में एक मामला पेंडिंग है तथा सात के जो चेक बाउंस के हैं वह करनाल कोर्ट में विचाराधीन है जिनमें उक्त कर्मचारी जमानत पर है।

इसकी जांच में एसडीएम ने इस डीपीएम को दोषी माना और अपनी जांच रिपोर्ट में इसको तुरंत प्रभाव से अपने पद से निष्कासित वह हटाने की सिफारिश उपायुक्त कैथल को की थी। इसकी पालना में उपायुक्त ने सीएमओ को उक्त कर्मचारी को हटाने के आदेश दिए थे उसके बाद सीएमओ कैथल ने अपने निदेशालय से इस कर्मचारी को हटाने के लिए मार्गदर्शन मांगा है।

आखिर कौन है नटवरलाल

जयपाल द्वारा लगाई गई सीएम विंडो से जिस प्रकार से नेशनल हेल्थ मिशन में बड़ा घोटाला सामने आया है। इससे स्पष्ट है कि इसमें उच्चाधिकारी भी शामिल हैं। यदि मामले की निष्पक्ष जांच एजेंसी से जांच करवाई जाए तो इसमें कर्मचारी ही नहीं बल्कि बड़े अधिकारी भी फंस सकते हैं।

चार कर्मचारी दोषी पाए गए थे

सीएमओ डा. ओमप्रकाश ने बताया कि जांच के दौरान चार कर्मचारी दोषी पाए गए थे। इनमें से एक ने त्यागपत्र दे दिया है तथा दो को हटा दिया गया है। एक कर्मचारी के बारे में निदेशालय से मार्गदर्शन मांगा गया है।

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