यमुनानगर : जठलाना में मंदिर निर्माण के दौरान सन‍् 1840 के सिक्के मिले

यमुनानगर : जठलाना में मंदिर निर्माण के दौरान सन‍् 1840 के सिक्के मिले
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इन चांदी के सिक्कों पर महारानी विक्टोरिया का चित्र बना हुआ है, इसकी सूचना सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो मंदिर में सिक्कों को देखने के लिए लोगों का पहुंचना शुरू हो गया।

हरिभूमि न्यूज. रादौर

जठलाना क्षेत्र में ईस्ट इंडिया कंपनी के शासनकाल के दो चांदी के सिक्के मिले हैं। यह सिक्के श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर के नवनिर्माण कार्य के दौरान श्री लक्ष्मी नारायण की मूर्ति के नीचे से मिले। मंदिर से पुराने सिक्के मिलने की सूचना जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई उसके बाद मंदिर में सिक्कों को देखने के लिए लोगों का पहुंचना शुरू हो गया। मंदिर से जो पुराने सिक्के मिले हैं एक-एक रुपये के चांदी के सिक्के हैं। जिन पर महारानी विक्टोरिया का चित्र व वर्ष 1840 व 1876 अंकित हैं। मंदिर के पुजारी का मानना है कि इन सिक्कों को उस समय मूर्ति स्थापना के समय यहां रखा गया होगा और अब भी इन सिक्कों को दोबारा मूर्ति के पास ही स्थापित कर दिया जाएगा।

मंदिर के पुजारी जगदीश शर्मा ने बताया कि यह मंदिर करीब 1890 में बनाया गया था। जिसे यहां के साहूकारों ने बनवाया था और उनके दादा नारायण दास को मंदिर में पूजा अर्चना के लिए कुरूक्षेत्र के गांव किरमिच से बुलाया था। तभी से उनका परिवार यहां मंदिर में पूजा अर्चना करने का कार्य करता है। जब भगवान श्री लक्ष्मी नारायण की मूर्ति को दूसरी जगह स्थापित करने के लिए वहां से उठाया गया और वहां के फर्श को तोड़ा गया तो वहां से दो चांदी के सिक्के मिले, जो काफी पुराने हैं। सिक्के चांदी के प्रतीत हो रहे है। जिन्हें अब दोबारा से मूर्ति के साथ ही वहीं स्थापित कर दिया जाएगा।

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