दशकों पुराने आवासीय क्षेत्रों में कमर्शियल गतिविधियों को मिलेगी मान्यता : डॉ. कमल गुप्ता

दशकों पुराने आवासीय क्षेत्रों में कमर्शियल गतिविधियों को मिलेगी मान्यता : डॉ. कमल गुप्ता
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डॉ. गुप्ता आज रोहतक में पालिका बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित व्यापारियों को संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा 'स्वामित्व' योजना के तहत व्यापारियों को उनकी दुकानों का मालिकाना हक प्रदान करने के उपलक्ष में आयोजित किया गया था।

चंडीगढ़ : शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा है कि राज्य सरकार जल्द ही दशकों पुरानी आवासीय कॉलोनियों अथवा सोसायटियों में कमर्शियल गतिविधियों को मंजूरी प्रदान करने जा रही है। डॉ. गुप्ता आज रोहतक में पालिका बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित व्यापारियों को संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा 'स्वामित्व' योजना के तहत व्यापारियों को उनकी दुकानों का मालिकाना हक प्रदान करने के उपलक्ष में आयोजित किया गया था।

डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि प्रदेश में दशकों पुरानी ऐसी कॉलोनियां अथवा सोसाइटी है, जहां पर व्यावसायिक गतिविधियां चल रही है, लेकिन उन्हें मान्यता नहीं है। इसी के मद्देनजर सरकार ने एक अधिनियम पास किया है, जिसके तहत उपरोक्त कॉलोनियों में कमर्शियल गतिविधियों को मान्यता प्रदान कर दी जाएगी। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि व्यापारियों के हित में राज्य सरकार ने ट्रेड लाइसेंस को भी समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों के हितों के मद्देनजर ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 20 साल से अधिक समय से शहरी स्थानीय निकाय विभाग की दुकानों पर अपना व्यापार चलाने वाले व्यापारियों के लिए विधानसभा में कानून पास करवाया।

शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि कानून बनने के बाद 7,000 आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 4,000 दुकानों का किराया शहरी स्थानीय निकाय द्वारा दिया जा रहा था, लेकिन शेष दुकानें अन्य विभागों की संपत्ति थी। इस संबंध में उन्होंने कहा कि शीघ्र ही एक ऐसा कानून लाया जाएगा, जिसके तहत अन्य विभागों की दुकानों का मालिकाना हक भी संबंधित व्यापारियों को दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि 31 मार्च से पहले-पहले यह कार्य पूर्ण हो जाए। डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि व्यापार का धंधा कर रहे लोग व्यापारी होने के साथ-साथ देश के नागरिक भी हैं, इसलिए उन्हें देश के सशक्तिकरण के बारे में भी सोचना चाहिए।

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