डॉक्टरों के नौकरी छोड़ने की जांच को गठित कमेटी ने नहीं सौंपी रिपोर्ट, स्वास्थ्य मंत्री नाराज

योगेंद्र शर्मा.चंडीगढ़। हरियाणा में डॉक्टरों द्वारा लगातार ली जा रही वीआरएस मामलों में गठित कमेटी द्वारा छह माह का वक्त बीत जाने के बावजूद इस बारे में कोई भी अध्ययन रिपोर्ट नहीं सौंपी है। अध्ययन रिपोर्ट में देरी को लेकर खुद गृह एवं सेहत मंत्री अनिल विज (Anil Vij) नाराज हैं, क्योंकि वे पूरे मामले में संज्ञान लेकर चिकित्सकों के सामने आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के हक में हैं। इस बीच हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन की ओर से सेहत मंत्री अनिल विज और मुख्य सचिव को पत्र भेजकर डॉक्टरों को मान सम्मान दिलाने व उनकी मांगों की तरफ ध्यान देने की मांग की है।
हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन प्रधान डा. राजेश ख्यालिया, वीरेंद्र ढांडा उपप्रधान, केशव शर्मा वरिष्ठ उपप्रधान, डा. अमरजीत सिंह चौहान की ओर से गत दिवस इस संबंध में मुख्य सचिव और गृह एवं सेहत मंत्री अनिल विज को पत्र भेजकर डॉक्टरों के सामने आए दिन पेश आने वाली परेशानियों की ओर ध्यान देने की मांग की है। एसोसिएशन की ओर से जिला स्तर पर सीएमओ के प्रोटोकाल को लेकर देशव्यापी अगर लें, तो 28 नंबर पर है। जबकि जिले में एसपी और उपायुक्त तक भी इनसे पीछे आते हैं, लेकिन उस पर अमल नहीं होता।
ये बोले-एसोसिएशन पदाधिकारी
एसोसिएशन की ओर से कहा गया है कि डॉक्टरों, एसएमओ, सीएमओ को जूनियर अधिकारियों के मुकाबले पीछे रखा जाता है। यह गलत परंपरा है। डाक्टरों जूनियर सीनियर और सीएमओ को मान सम्मान मिलना चाहिए। इसके अलावा चिकित्सकों के छोड़कर जाने को लेकर भी कईं उदाहरण दिए गए हैं। डॉक्टरों की कमी को दूर करने की कवायद में जुटे मंत्री अनिल विज डॉक्टरों द्वारा वीआरएस लेने और सरकारी नौकरी में नंबर आने के बावजूद ज्वाइन नहीं करने जैसे कारणों पर चिंता करते हुए कमेटी का गठन इसी साल पांच मई को इसका गठन किया था। तीन सदस्यों वाली इस कमेटी में एक सीएमओ, एक एमओ (मेडिकल ऑफिसर) के अलावा एक एचसीएस अधिकारी को शामिल किया था।
वीआरएस लेने से सरकार चिंतित
यहां पर याद दिला दें कि हरियाणा स्वास्थ्य विभाग से बड़ी संख्या में डॉक्टरों के वीआरएस ले रहे हैं। जिसके बाद में सेहत मंत्री ने इस बारे में अध्ययन करने के लिए सीएमओ और एक एमओ, एक एचसीएस अफसर योगेश मेहता को लिया था। मंत्री विज ने कमेटी को डॉक्टरों के नौकरी से बाय-बाय करने को लेकर मंथन और स्टडी के लिए कहा था।
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