CWG 2022 : कॉमनवेल्थ गेम्स में छाए म्हारे सूरमा, सोनीपत के दो लाडलों व एक बहू ने दिलाया स्वर्ण, विनेश की ससुराल में भी स्वर्णिम सफलता की धूम

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत
कॉमनवैल्थ गेम्स में सोनीपत के दो लाडलों ने जहां देश को स्वर्ण पदक दिलाया, वहीं एक बेटी ने कांस्य पदक दिलाया। तीनों ही जगहों पर परिवार में खुशी का माहौल है। शनिवार शाम को पहले तो खुशी का मौका फरमाणा की लाडली पूजा गहलोत ने दिया। जब उसने कांस्य पदक जीता। इसके बाद नाहरी के लाल रवि दहिया ने गोल्ड मेडल जीता। अंत में पुगथला के नवीन ने भी गोल्ड मेडल जीतकर देश को स्वर्णिम सफलता दिलवाई। फरमाणा और पुगथला में जहां जश्न का माहौल है, वहीं नाहरी में रवि के पड़ोस में किसी की मौत के चलते ग्रामीणों ने जश्न नहीं मनाया। वहीं शादी करने के बाद खरखौदा रह रही विनेश की ससुराल में भी उसकी स्वर्णिम सफलता से जश्न का माहौल बना हुआ है। खरखौदा में उसकी सास-ससुर व अन्य परिजन खुशी से झूमने लगे और मिठाइयां बांटकर खुशी को सांझा किया।
चारों पहलवानों ने देशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए शानदार प्रदर्शन किया। ओलंपियन रवि दहिया, नवीन कुमार ने जहां सोने के तमगे जीते, वहीं पूजा गहलोत ने सेमीफाइनल में हार से उभरते हुए देश को कांस्य दिलाया। शनिवार दोपहर से ही दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में रवि दहिया के भाई पहलवान पंकज दहिया और प्रशिक्षक अरुण कुमार के साथ अन्य पहलवानों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया था। वहीं नवीन के गांव पुगथला में दोपहर से बेटे की पहली जीत के साथ परिजनों व ग्रामीणों में खुशियां मनानी शुरू कर दी थी। उधर खरखौदा की प्रताप कॉलोनी में विनेश फोगाट की ससुराल में बहू के फाइनल में सोना जीतते ही मिठाइयां बंटनी शुरू हो गई। जमकर जश्न मनाया गया।
रवि की जीत पर छत्रसाल में बांटी मिठाई
गांव नाहरी के लाडले रवि दहिया की कुश्ती का सुबह से ही सभी को इंतजार था। क्वालीफाइंग राउंड में बाई मिलने के बाद क्वार्टर फाइनल में रवि ने अपने चिरपरिचित अंदाज में जीत दर्ज की। दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में सुबह से कुश्ती देखने के लिए उनके साथी पहलवान उत्साहित थे। रवि ने जैसे ही फाइनल में नाइजीरिया के एबिकेवेनिमो विल्सन को 10-0 से हराया तो साथियों ने मिठाई बांटनी शुरू कर दी। इससे पहले सेमीफाइनल में रवि ने पाकिस्तानी पहलवान अली अरशद को 14-4 से हराते हुए फाइनल में जगह बनाई थी। पाकिस्तानी पहलवान को हराते ही लोगों में जोश भर गया था। रवि की जीत पर उनके भाई पंकज दहिया, प्रशिक्षक अरुण दहिया और साथी पहलवानों ने भारतमाता के जयकारों से स्टेडियम को गुंजायमान कर दिया।
पड़ोस में मौत की वजह से गांव में नहीं मनाया जश्न
रवि दहिया के गांव में उनके मुकाबले को लेकर काफी तैयारी की गई थी। एक दिन पहले से गांव की चौपाल में स्क्रीन पर कुश्ती देखने का कार्यक्रम बनाया गया था। लेकिन रवि के पड़ोसी 33 वर्षीय युवक की ब्रेन हेमरेज से मौत के कारण जश्न के कार्यक्रम रद कर दिए गए। रेलवे में नियुक्त युवक की मौत के कारण पूरे गांव में मातम पसरा रहा।
विनेश की ससुराल में बांटी मिठाई
खरखौदा की प्रताप कॉलोनी में पहलवान विनेश फोगाट की ससुराल में दोपहर से हर किसी को बहू के सोना जीतने की उम्मीद थी। विनेश ने पहली कुश्ती में ही विरोधी को चित्त कर अपने इरादे जाहिर कर दिए थे। विनेश के ससुराल वाले भी टीवी से चिपके रहे। विनेश के ससुर राजपाल राठी पूरे परिवार और अन्य परिजनों ने एकसाथ बहू के मुकाबले देखे। विनेश खरखौदा में होती है तो प्रताप स्कूल में अभ्यास करती हैं। प्रताप स्कूल के पहलवानों में विनेश की जीत से जोश भर गया। विनेश के कोच द्रोणाचार्य अवार्डी ओमप्रकाश दहिया भी विनेश के घर पर मुकाबले देखने के लिए दोपहर को ही पहुंच गए थे। रिश्तेदारियों और अन्य कई दोस्त भी विनेश के घर पर जमे थे। हालांकि विनेश के पति सोमवीर राठी को काम के सिलसिले में अजमेर जाना पड़ा लेकिन वह भी मोबाइल पर मुकाबले देखते रहे। बहू के सोना जीतते ही परिजनों ने जमकर खुशी मनाई। मिठाई बांटकर एक दूसरे को बधाई दी।
नवीन ने पाकिस्तानी को दी पटखनी, नाचने लगे परिजन
पुगथला के पहलवान नवीन मलिक ने जैसे ही पाकिस्तान के पहलवान मोहम्मद शरीफ ताहिर को 9-0 से पटखनी दी तो परिजन व ग्रामीण खुशी से झूमने लगे। मिठाई बांटकर बेटे की जीत पर खुशी मनाई। पहलवान नवीन मलिक के गांव पुगथला में दोपहर से ही खुशी का माहौल था। नवीन की कुश्ती देखने के लिए परिजन व ग्रामीण टीवी के सामने आ जमे थे। नवीन जब भी प्वाइंट जीतते वैसे ही उनका घर तालियों से गूंज उठता। सोना जीतने के बाद एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी मनाई। नवीन के पिता धर्मपाल का का कहना है कि हमें बेटे की उपलब्धि पर गर्व है। उनके अलावा उनकी मां गुणमति, भाई प्रवीन व ग्रामीणों ने नवीन के बेहतरीन खेल पर एक-दूसरे को बधाई दी। बेटे की जीत पर नवीन के माता-पिता की आंखों में खुशी के आंसू नजर आए। पिता धर्मपाल ने कहा कि उनका साधारण सा परिवार है और खेती कर अपना गुजारा चलाते हैं। नवीन के बड़े भाई प्रवीन भी पहलवान हैं। अपने भाई की पहलवानी को देखते देखकर नवीन को भी पहलवानी का शौक हुआ, इसके बाद पिता ने नवीन को भी प्रशिक्षण लेने भेज दिया। 2016 तक दोनों भाइयों ने सोनीपत के कोच बलवान सिंह के पास प्रशिक्षण लिया। 2016 में उनके बड़े भाई प्रवीन का नेवी में चयन हो गया। इसके बाद प्रवीन के साथ-साथ नवीन भी नेवी की टीम के साथ प्रशिक्षण लेने लगा। इस दौरान उसने कई राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण जीता। हाल ही में नवीन ने एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण जीता था। पिता धर्मपाल ने बताया कि उन्होंने भैंस का दूध पिला कर अपने बेटे को पहलवान बनाया है।अब उन्हें अपने बेटे के प्रदर्शन पर गर्व तो है लेकिन असली खुशी उन्हें तब होगी जब बेटा देश के लिए ओलिंपिक में पदक जीतकर देश की झोली में डालेगा।
स्वर्ण की थी उम्मीद, कांस्य पर सिमटी पूजा
गांव फरमाणा की पूजा गहलोत ने शनिवार को पहली कुश्ती से ही अपने कदम गोल्ड की तरफ बढ़ा दिए थे लेकिन सेमीफाइनल मैच में अंतिम नौ सेकेंड में गोल्ड का सपना ब्रांज में बदल गया। पहले मैच में स्काटलैंड की पहलवान को 10 अंकों से मात देकर पूजा ने अपने इरादे जाहिर कर दिए थे। यह वही पहलवान थी थी जिसने दंगल फिल्म में भी अभिनय किया था। सेमिफाइनल में भी पूजा छह अंकों की बढ़त बनाए हुए थी लेकिन आखिरी के नौ सेकेंड वह खुद को संभाल नहीं सकती और स्वर्ण पदक की दौड़ से बाहर हो गई। उधर परिवार के सदस्य भी पूजा की हार से मायूस जरूर हुए, लेकिन वह इसे खेल का हिस्सा मानते हुए फिर मैच देखने लगे। पूजा के पहले कोच व ताऊ धर्मबीर ने बताया कि वह अपनी पत्नी किताबोदेवी, छोटे भाई जसबीर, पूजा के पिता बिजेंद्र, मां जगवंती, पूजा के दोनों भाई अंकित व पुष्पेंद्र और पूजा की छोटी बहन ममता टीवी के सामने जम रहे।
नवीन की कुश्ती को देखने के लिए टेलीविजन के आगे बैठे हुए।
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