खरीफ फसल का मुआवजा लेने के लिए पीड़ित किसान कृषि विभाग व बीमा कम्पनी के चक्कर लगाकर हारे

हरिभूमि न्यूज : कनीना (नारनौल)
गत वर्ष कपास व बाजरे की फसल में हुए बारिश से हुए नुकसान का मुआवजा अभी तक किसानों को नहीं मिल पाया है। जिसके लिए किसान कभी कृषि विभाग तो कभी बीमा कम्पनी के कर्मियों के चक्कर लगाकर हार चुके हैं। अभी तक उनका कोई समाधान नहीं हो सका है। बीमा कम्पनी का महेंद्रगढ़ जिले में कोई स्थाई कार्यालय नहीं होने से किसान कभी कनीना, महेंद्रगढ़ तो कभी नारनौल तक के चक्कर लगा रहे हैं। जहां बीमा कम्पनी कर्मचारी के मोबाइल नम्बर ही मिल पाते हैं। किसान राजीव, सुरेश कुमार, बीना यादव, मनीष कुमार ने बताया कि नम्बरों पर लगातार कॉल की जाती है, जिसका कोई जवाब नहीं दिया जाता। बीमा कम्पनी के कर्मचारी के लापरवाही बरत रहे हैं। किसानों ने शीघ्रता से मुआवजा न मिलने पर सड़क जाम कर आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
बता दें कि खरीफ फसल के लिए केसीसी वाले किसानों का कपास के खेत के 1712 व बाजरे के लिए प्रति एकड़ 332 रुपये का प्रीमियम रिलायंस कम्पनी की ओर से काटा गया था। बीते अगस्त-सितबंर माह में हुई बारिश के जलभराव से फसलों को नुकसान हुआ था। जिसकी सूचना किसानों की ओर से कृषि विभाग के अधिकारियों व बीमा कम्पनी को 72 घंटे के अंतराल में दी गई थी। उनकी ओर से मौके पर जाकर सर्वे कर फसल के नुकसान का आंकलन प्रतिशत में कर रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी गई थी। जिनका मुआवजा फिक्सेसन करने की कार्रवाई की गई। कम्पनी ने कुछ किसानों को 31 मार्च तक फसल खराबा मुआवजा राशि उनके बैंक खाते में डाल दी। जबकि अधिकांश किसान आज भी सरकारी कार्यालयों को चक्कर लगा रहे हैं। कनीना खंड में मुआवजे के लिए 3250 किसानों ने शिकायत दर्ज करवाई है। जिनमें से तीन हजार किसानों के खातों में क्लेम राशि डालने की बात कही गई है जबकि अभी तक सैकड़ों किसानों के खातों में बीमा की राशि नहीं आई है। उन्होंने बीमा कम्पनी के कर्मचारियों पर बरगलाने का आरोप लगाया है। जिले मंे उनका कोई स्थाई कार्यालय नहीं है। नारनौल में कृषि विभाग के कार्यालय में उनका कर्मचारी बैठता है। जो किसानों को संतोषजनक जवाब नहीं दे पाता है।
नहीं मिली मूंग की प्रोत्साहन राशि
सरकार ने किसानों को मूंग का बीज उपलब्ध करवाया था। जिसकी बिजाई करने वाले किसानों को चार हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की थी, लेकिन मूंग की बिजाई करने वाले किसानों को सरकार की ओर से कोई राशि आज तक नहीं दी गई। जबकि किसानों की ओर से एमएफएमबी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन भी करवाया गया था।
क्या कहते कृषि विभाग के अधिकारी
कृषि विभाग के तकनीकी सहायक कम खंड कृषि अधिकारी मनोज यादव ने बताया कि फसल बीमा क्लेम के लिए पूरे जिले में 8624 किसानों की शिकायतें उनके पास प्राप्त हुई थी। जिनमें से 2906 दरखास्त कनीना व महेंद्रगढ़ ब्लॉक की 1687 शिकायतें शामिल थी।
क्या कहते है बीमा कम्पनी अधिकारी
बीमा कम्पनी के जिला प्रतिनिधि योगेश कुमार ने बताया कि वे मीडिया को किसी प्रकार की जानकारी नहीं दे सकते। उन्हें कोई जानकारी चाहिए तो कृषि विभाग के अधिकारियों से ले सकते हैं। उनके पास इस संदर्भ के कोई डाटा नहीं हैं।
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