परिवार पहचान पत्र की बाध्यता आरक्षित वर्ग के लिए बनी मुसीबत, विश्वविद्यालय प्रशासन से समाधान की गुहार

हरिभूमि न्यूज. सिरसा
चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय की ओर से पीजी के लिए दाखिला प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, परंतु इस बार विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से एक नया नियम लागू किया गया है। इसके अनुसार ऑनलाइन आवेदन करते समय सभी विद्यार्थियों को परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) अपलोड करवाना होगा। पीपीपी से ही विद्यार्थी के परिवार की आय की गणना की जाएगी, लेकिन इस नियम के लागू होने से प्रदेशभर के अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए नई परेशानी पैदा हो गई है।
अंबेडकर प्रो. एसोसिएशन के प्रवक्ता राजेश रंगा ने बताया कि परिवार पहचान पत्र के अपडेट न होने व ऑनलाइन सिस्टम के चलते बहुत सारे विद्यार्थी जाति आधार पर आरक्षण व्यवस्था के तहत मिलने वाले लाभ से वंचित हो सकते हैं। अंबेडकर प्रोफेसर एसोसिएशन ने चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के कुलपति को ज्ञापन देकर इस समस्या से अवगत कराया और प्रधान सुशील कुमार ने कुलपति से मांग की कि इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द करवाया जाए, ताकि भविष्य में किसी छात्र को दिक्कत का सामना न करना पड़े।
प्रदेश महासचिव डॉ. प्रदीप कुमार ने बताया कि उच्चतर शिक्षा विभाग ने भी यूजी के दाखिला प्रक्रिया पीपीपी की बाध्यता रखी थी, परंतु बाद में संगठन की मांग पर जाति प्रणाम पत्र को भी मान लिया गया था और किसी छात्र को आरक्षण के लाभ से वंचित नही होने दिया गया था।
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