जेलों में कोरोना संक्रमण फैलने से चिंता, अब वीसी से होगी पेशी

योगेंद्र शर्मा : चंडीगढ़
हरियाणा की करनाल रेवाड़ी और अन्य जेलों में कैदियों के संक्रमित हो जाने के बाद अब अदालती आदेश के अनुसार कैदियों के पैरोल की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय के तत्वावधान में गठित हाई पावर कमेटी ने गत दिवस इस संबंध में बैठक करने के बाद 7 साल में इससे ज्यादा की सजा काट रहे कैदियों को पैरोल पर छोड़ने का आदेश जारी किया था।
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की हाई पावर कमेटी के दिशा निर्देशों और राज्य सरकार के आला अफसरों से मंथन के बाद कैदियों को राहत दी जा रही है। इस संबंध में खुद हरियाणा के जेल एवं बिजली मंत्री चौधरी रणजीत सिंह ने भी राज्य के आला अफसरों से विचार मंथन किया था। यहां पर उल्लेखनीय है कि सबसे ज्यादा मामले करनाल जेल में कैदियों के संक्रमित होने के पाए गए थे। 56 कैदियों के संक्रमित होने के बाद में सभी को आइसोलेशन में रखा गया था। इसी प्रकार से रेवाड़ी नारनौल इलाके सहित एनसीआर के कई जिलों में पिछले साल और इस बार दूसरी लहर में काफी संख्या में कैदी संक्रमित पाए जा रहे हैं।
इस क्रम में करनाल जेल के अंदर एक स्पेशल जोन कोविड-19 कैदियों के लिए बना दिया गया है। फिलहाल हाई पावर कमेटी के दिशा निर्देशों और पूर्व में समय से सरेंडर करने वाले कैदियों को पैरोल संबंधी प्रक्रिया एक बार फिर शुरू हो गई है। दूसरी ओर एनसीआर की तमाम जेलों में संक्रमित होने वाले कैदियों के लिए जेल प्रशासन और राज्य के आला अफसर अलग से व्यवस्था करने को लेकर विचार मंथन में जुटे हैं।
ये आदेश जारी
कैदियों को अदालतों में ले जाने और वहां बैरक में रखे जाने के दौरान संक्रमण के मामले ज्यादा हुए हैं। कोविड-19 की दूसरी लहर में सुप्रीम कोर्ट और राज्य की हाई पावर कमेटी ने कैदियों को वीसी के जरिए पेशी के निर्देश जारी किए हैं ताकि संक्रमण से बचाया जा सके। इतना ही नहीं कैदियों को परिजनों से मिलने को लेकर भी रोक लगा दी गई है। कुल मिलाकर राज्य की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों को कोविड-19 की स्थिति में एक ही स्थान पर रखे जाने की तैयारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि करनाल में इसके लिए जेल प्रशासन और आला अफसरों ने सरकार से विचार वमर्श करने के बादकैदियों के कोविड-19 से संक्रमित हो जाने की सूरत में रखने की व्यवस्था की मुहिम चला दी है।
अदालत के आदेशों का कर रहे पालन
हरियाणा के जेल और बिजली विभाग के मंत्री चौधरी रणजीत सिंह का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की ओर से कैदियों को लेकर जारी दिशा-निर्देश के अनुसार ही इन्हें पैरोल पर भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले साल कोविड-19 के संक्रमण की पहली लहर में भी कैदियों को सशर्त पैरोल पर भेजा गया था। जिसके बाद में पिछले कुछ अरसा पहले कैदियों को जेल में लौटना पड़ा था। इस बार भी हम अदालत के आदेशों का पालन करते हुए कैदियों को पैरोल पर 31 अगस्त तक भेजने का फैसला लिया गया है।
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