पेंशन को लेकर असमंजस, कभी बैंक तो विभागीय कार्यालय के लगा रहे चक्कर लोग

पेंशन को लेकर असमंजस, कभी बैंक तो विभागीय कार्यालय के लगा रहे चक्कर लोग
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समाज कल्याण विभाग अधिकारी वीरेंद्र यादव ने बताया कि जिले भर के करीब एक लाख बारह हजार पेंशन धारकों में दस फीसदी पेंशनधारकों द्वारा परिवार पहचान पत्र नहीं बनवाए गए हैं। जिसके चलते पेंशन धारकों को परेशानी आ रही है।

हरिभूमि न्यूज : झज्जर

पेंशन न मिलने के कारण लोगों में आजकल असमजंस की स्थिति बनी हुई है। कोई पेंशन आने पर खुश नजर आ रहा है तो कोई पेंशन ना आने के चलते संबंधित बैंक व विभागीय कार्यालयों के चक्कर लगा रहा है। आलम यह है कि एक ही क्षेत्र व एक ही बैंक से संबंध रखने वाले किसी पेंशन धारक को पेंशन मिल चुकी है तो कोई अभी तक खाली हाथ है। पेंशन धारक लोग पेंशन मिली या नहीं मिली, आई या नहीं आई को लेकर एक-दूसरे के घरों में जाकर भी पूछाताछी कर रहे है।

जब इस संबंध में समाज कल्याण विभाग अधिकारी वीरेंद्र यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिले भर के करीब एक लाख बारह हजार पेंशन धारकों में दस फीसदी पेंशनधारकों द्वारा परिवार पहचान पत्र नहीं बनवाए गए हैं। जिसके चलते पेंशन धारकों को परेशानी आ रही है। इसके अलावा समाज कल्याण विभाग द्वारा कम बजट के चलते प्राथमिकता के आधार पर सिर्फ बुजुर्गों को दी जाने वाली वृद्धावस्था पेंशन ही उनके खाते में डाली गई है। लेकिन विभाग द्वारा लाड़ली योजना पेंशन, विधवा पेंशन व दिव्यांगता पेंशन आदि को स्थगित किया गया है। इन लाभार्थियों को कुछ दिनों बाद पेंशन दी जानी है।

परिवार पहचान पत्र व बैंक खातों के आईएफएससी कोड बदलने से भी है परेशानी : जिला समाज कल्याण अधिकारी वीरेंद्र यादव ने बताया कि विभाग द्वारा कुछ पेंशन लाभार्थियों की पंेशन परिवार पहचान पत्र न बनवाने तथा संबंधित बैंक के आईएफएससी कोड के बदलने के चलते भी उनके खातों तक नहीं पहुंच पा रही है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल के बाद आई आर्थिक मंदी के कारण कई बैंक एक-दूसरे में सम्मिलित हो गए हैं। ऐसे में उनका आईएफएससी कोड भी बदल गया है। जिस कारण लाभार्थी के खाते में पेंशन जमा नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि पेंशन उपभोक्ताओं को चाहिए कि जिनका परिवार पहचान पत्र नहीं बना है वे अपना परिवार पहचान पत्र शीघ्र ही बनवा लेवें। उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र की फोटोकॉपी विभागीय कार्यालय में जमा कराने की जरूरत नहीं है। क्यूंकि परिवार पहचान पत्र आईडी स्वत: ही अपडेट हो जाती है। लेकिन कुछ बुजुर्ग जिले के दूरस्थ क्षेत्रों से आकर आईडी जमा करवा रहे है।

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