आदमपुर उपचुनाव में कांग्रेस की हार पर रार : प्रदेशाध्यक्ष उदय भान और पूर्व सीएम हुड्डा सियासी दिग्गजों के निशाने...

आदमपुर उपचुनाव में कांग्रेस की हार पर रार : प्रदेशाध्यक्ष उदय भान और पूर्व सीएम  हुड्डा सियासी दिग्गजों के निशाने...
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कुमारी शैलजा और किरण चौधरी विधायक के साथ-साथ काफी नेता तो पहले ही दिन से मुखर रहे हैं, जिन्होंने शुरुआती दौर में ही जेपी को टिकट दिए जाने पर सवाल खड़े किए थे।

योगेंद्र शर्मा. चंडीगढ़। हिसार की आदमपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस की हार के बाद कांग्रेस के अंदर रार तेज हो गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदय भान सिंह और नेता विपक्ष पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने ही पार्टी के कुछ सियासी दिग्गजों के निशाने पर हैं, इन सियासी दिग्गजों को जहां आदमपुर उपचुनाव के दौरान आमंत्रित नहीं किया गया वहीं अब पार्टी हाईकमान को इस संबंध में अवगत कराने के साथ ही हार का ठीकरा भी इन्हीं नेताओं पर फोड़ा जाएगा।

यहां पर बता दें कि हरियाणा की माटी से संबंध रखने वाले और कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल रणदीप सिंह सुरजेवाला के साथ-साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रदेश कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष शैलजा के अलावा विधायक किरण चौधरी जैसे बड़े नाम भी आदमपुर उपचुनाव में प्रचार से दूर रहे हैं। कुमारी शैलजा और किरण चौधरी विधायक के साथ-साथ काफी नेता तो पहले ही दिन से मुखर रहे हैं, जिन्होंने शुरुआती दौर में ही जेपी को टिकट दिए जाने पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने टिकट को लेकर उनके साथ में किसी भी प्रकार का विचार मंथन किए जाने की बात से इनकार किए हैं। खास तौर पर तीनों ही नेता आप एक मंच पर हैं और नेता विपक्ष पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदय भान के विरुद्ध कई तरह के सवाल खड़े किए हैं। किरण चौधरी और कुमारी शैलजा आदमपुर में हार का विश्लेषण और समीक्षा पार्टी के मंच पर करने की बात कर रही हैं। अब देखना यह होगा कि आदमपुर हार की समीक्षा का काम कब होता है और उसका क्या रिजल्ट आता है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कुमारी शैलजा का कहना है कि कांग्रेस पार्टी चंद नेताओं और लोगों तक सीमित नहीं रह सकती उन्होंने यह भी कहा है कि आदमपुर में हार वाले नतीजे बेहद निराश करने वाले निकले हैं इसकी पार्टी के मंच पर समीक्षा होगी, भविष्य में अगर हमें आगे बढ़ना है, तो इस हार के कारणों और चुनाव की तैयारी में रही कमियों को दूर करना होगा वरना आने वाले समय में भी नुकसान होगा। शैलजा का कहना है कि अब से पहले हुए ऐलनाबाद सिरसा और बरोदा उपचुनाव में इसका उदाहरण है जहां पर पार्टी के सभी नेताओं ने मिलजुल कर काम किया था वहां परिणाम कुछ और थे लेकिन ऐलनाबाद उपचुनाव में कुछ नेताओं के बयानों अलग-अलग तरह से आने शुरू हुए जिसके बाद में वहां नुकसान हुआ।

वरिष्ठ नेत्री का कहना है कि आदमपुर उपचुनाव में पूरी कांग्रेस को एकजुट देखना चाहिए था जो नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि कुछ लोग और नेता या भूल गए हैं कि कांग्रेस 36 बिरादरी की पार्टी है कांग्रेस चंद लोगों तक सीमित नहीं रह सकती। शैलजा का कहना है कि अब कमान मल्लिकार्जुन खरगे के हाथ में है और हम हाईकमान से मिलकर पूरी समीक्षा की मांग करेंगे ताकि भविष्य में कांग्रेस को ज्यादा मजबूती के साथ हरियाणा के अंदर खड़ा किया जा सके और हार के कारणों के बाद आने वाले समय के लिए कुछ ठोस रणनीति तैयार हो।

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