कांग्रेसी विधायकों ने अभय चौटाला से पूछे ये सात सवाल, कहा- जिनके घर शीशे के होते हैं, वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते

चंडीगढ। हाल ही में रोहतक में इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर दिए गए एक बयान पर कांग्रेस विधायकों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कांग्रेस विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की सजा के मामले में विस्तार से सवाल खड़े किए हैं। विधानसभा के पूर्व स्पीकर एवं विधायक डॉ. रघुवीर कादयान, पूर्व मंत्री एवं विधायक गीता भुक्कल ,पूर्व मंत्री एवं विधायक आफताब अहमद ,विधायक राव दान सिंह एवं कांग्रेस विधायक दल के चीफ व्हिप एवं विधायक भारत भूषण बतरा ने संयुक्त बयान में अभय सिंह चौटाला से 7 सवाल पूछते हुए जवाब मांगा है।
संयुक्त बयान में कांग्रेस विधायकों ने कहा कि 10 साल के भूपेंद्र सिंह हुड्डा के शासन में ओम प्रकाश चौटाला व उनके परिवार पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई। हालांकि चौटाला सरकार के खिलाफ कई तरह के भ्रष्टाचार के मामलों के आरोप थे। साथ ही कांग्रेस विधायकों ने पूछा कि अभय चौटाला झूठ बोलना कब बंद करेंगे? विधायकों ने अभय को नसीहत देते हुए कहा कि जिनके घर शीशे के होते हैं उन्हें दूसरों पर पत्थर नहीं बरसाने चाहिए। अभय को जनता के बीच खड़े होकर झूठ बोलने की बजाय जनता के सामने सच बोलने की हिम्मत करनी चाहिए। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कभी भी राजनीतिक दुर्भावना के चलते कोई कार्य नहीं किया।
पूछे ये सवाल
1. कांग्रेस विधायकों ने अभय चौटाला से पूछा है कि वह बताएं संजीव कुमार आईएएस कौन थे और उन्हें हरियाणा में डायरेक्टर प्राइमरी एजुकेशन किसने लगाया था और कब लगाया था?
2. संजीव कुमार ने 5-6-2003 को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की और उन्होंने जेबीटी सलेक्शन की दो लिस्ट पेश की। चौटाला बताएं कि इनमें से कौन सी पहली लिस्ट असली थी और कौन सी दूसरी लिस्ट नकली थी जिसके आधार पर शिक्षा विभाग ने 3206 को सिलेक्शन लेटर जारी किया? अभय चौटाला बताएं कि हरियाणा में उस समय किसकी सरकार थी और उस समय शिक्षा मंत्री कौन थे ?
3. अभय चौटाला बताने का कष्ट करें कि रजनी शेखरी सिब्बल आईएएस ने जुलाई 2000 से पहले जो असली लिस्ट को अलमारी के अंदर सील करके रखा था। वह लिस्ट कैसे बदली, किसने बदली और दूसरी सिलेक्शन लिस्ट उस अलमारी में कैसे पहुंची? उस समय हरियाणा में किसकी सरकार थी?
4. 25 नवंबर 2003 को सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ के चीफ जस्टिस ने (SANJEEV KUMAR VS STATE OF HARYANA AND OTHERS) संजीव कुमार (तत्कालीन आईएएस डायरेक्टर प्राइमरी एजुकेशन हरियाणा) की याचिका पर सीबीआई को यह जांच सौंपी। अदालत ने हरियाणा सरकार की हाजिरी में आदेश जारी किए। जिसमें बाद में ओमप्रकाश चौटाला व अन्य पर मुकदमा चला। अभय चौटाला बताएं कि उस समय हरियाणा में किसकी सरकार थी और केंद्र में सरकार किसकी थी?
5. बार-बार जनता के बीच झूठ बोल रहे अभय सिंह चौटाला क्या बताएंगे कि सीबीआई ने जो जांच की वह किसके आदेश से की? अभय चौटाला जनता को बताएं कि क्या सुप्रीम कोर्ट ने उस जांच को सुपरवाइज किया? उस समय सीबीआई की सारी जांच सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में हुई या नहीं?
6. अभय चौटाला बताएं कि यदि यह कोई षड्यंत्र था तो सीबीआई के विशेष जज की रोहिणी कोर्ट में (16-1-2013) जब 10 साल की सजा का फैसला हुआ तो अगर केस ठीक नहीं था तो सुप्रीम कोर्ट तक ने सीबीआई जज के फैसले को बहाल क्यों रखा?
7. अभय चौटाला पूरी जिम्मेदारी के साथ जनता को बताएं की वर्ष 1999 में जब 3206 जेबीटी टीचर्स की पोस्ट को एचएसएससी के दायरे से बाहर किया गया और जेबीटी की अपॉइंटमेंट एजुकेशन डिपार्टमेंट ने की। अभय चौटाला यह भी बताएं कि जिस लिस्ट से नियुक्तियां की गयी उसे अदालत ने फर्जी लिस्ट माना कि नहीं? उस समय हरियाणा के शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री कौन थे, और क्या वजह थी इस परिवर्तन की।
(जेबीटी केस में 25-11-2003 का सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर अटैच्ड है)
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