हरियाणा बजट सत्र : कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव मंजूर, 10 को होगी चर्चा

चंडीगढ़। हरियाणा बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के बाद में कांग्रेस की ओर से शोरगुल करते हुए अवश्विास प्रस्ताव व प्राइवेट बिल का मुद्दा उठाया। स्पीकर द्वार बिल को अस्वीकार कर दिया गया है, साथ ही अवश्विास को लेकर 10 का समय दिया गया है। कांग्रेस की ओर से सदन के अंदर व बाहर कृषि कानूनों के विरोध में सदन के अंदर व बाहर विरोध दर्ज कराया।
नेता विपक्ष और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुडडा के नेतृत्व में सदन के बाहर जहां पत्रकार वार्ता की और प्रदर्शन भी किया। इस दौरान सभी ने आरोप लगाया किया सदन में नियमों की अनदेखी कर प्राइवेट मेंबर बिल को रद् कर देने पर आपत्ति उठायी गई। इसी क्रम में सदन की शुरुआत होने से ठीक पहले किसानों के मुद्दे पर हुड्डा के नेतृत्व में प्रदर्शन करते हुए पैदल ही सभी विधायक विधानसभा पहुंचे। सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस आक्रामक नजर आई और सभी विधायक हुडडा के नेतृत्व में विरोध करते हुए नजर आए। सभी ने एक सुर में विधायकों ने 3 कृषि कानूनों और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, इनके हाथ में किसानों के समर्थन की तख्तियां ली हुईं थीं। पत्रकारों से बातचीत और सदन में भी नेता विपक्ष ने कहा कि एमएसपी की गारंटी का कानून बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बजट सत्र में एपीएमसी एक्ट में एमएसपी की गारंटी जोड़ने वाला संशोधन विधेयक लाना चाहती थी। लेकिन, विधानसभा स्पीकर ने नियमों के विरुद्ध जाकर इस विधेयक को खारिज कर दिया। स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए इस विधेयक को खारिज किया है, जबकि माननीय कोर्ट ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया।
एपीएमसी एक्ट राज्य का विषय
हुड्डा ने कहा कि एपीएमसी एक्ट राज्य का विषय, राज्य की विधानसभा के पास इसमें संशोधन का पूर्ण अधिकार है। उसके बाद भी किसान हित के विधेयक को खारिज करने से सरकार की मंशा जगजाहिर हो गई है।
शोक प्रस्तावों के दौरान किसानों को दी श्रद्धाजंलि
बजट-सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सदन में शोक प्रस्ताव रखा गया। नेता प्रतिपक्ष हुड्डा ने आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के नामों को भी शोक प्रस्ताव में श्रद्धाजंलि दी। हुड्डा ने बाद में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि दिवंगत किसानों में दो सो हरियाणा से बाहर के जबकि 40 किसान हरियाणा से संबंध रखते हुए। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार देश की सबसे बड़ी किसान विरोधी सरकार बनकर उभरी है। बीजेपी-जेजेपी सरकार ने किसानों, मजदूर, कर्मचारी, दुकानदार, छोटे कर्मचारी समेत हर वर्ग के साथ वश्विासघात किया है। कानून-व्यवस्था से लेकर बेरोजगारी, महंगाई से लेकर भ्रष्टाचार तक हर मोर्चे पर मौजूदा सरकार विफल साबित हुई है।
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