मानसून सत्र से पहले कांग्रेस विधायकों ने निकाला पैदल मार्च, हुड्डा बोले - सरकार की मंशा विधानसभा चलाने की नहीं

चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व में शुक्रवार को कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा तक पैदल मार्च और नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। विधायकों ने पेपर लीक घोटाले, किसानों पर अत्याचार, बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई और अपराध के मुद्दों को लेकर गठबंधन सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कांग्रेस विधायक अपने साथ 'घोटालों की भरमार है, बीजेपी-जेजेपी सरकार है', 'पेपर लीक की गोल्ड मेडलिस्ट सरकार', किसानों पर दर्ज केस वापस लो' जैसे नारे लिखी तख्तियां और गुब्बारे लेकर आए थे। इसके बाद वे मानसून सत्र में शामिल हुए।
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार शराब, रजिस्ट्री, खनन, बिजली मीटर और धान ख़रीद समेत तमाम घोटालों को दबाने की कोशिश में लगी है। इसी तरह सरकार भर्ती पेपर लीक घोटाले को भी रफा दफा करना चाहती है। लेकिन कांग्रेस की मांग है कि इस मामले की हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई जांच होनी चाहिए। हुड्डा ने कहा कि जनहित के मुद्दों को लेकर सड़क से सदन तक जनता की आवाज उठाना विपक्ष की जिम्मेदारी है। लेकिन सरकार नहीं चाहती कि विपक्ष जनता के मुद्दों को सदन में उठाए। इसलिए पैदल मार्च कर रहे कांग्रेस विधायकों को विधानसभा से दूर पहले ही बैरिकेड लगाकर रोकने की कोशिश की गई। इतना ही नहीं पुलिस कर्मियों ने नेता प्रतिपक्ष और विधायकों के साथ धक्का-मुक्की भी की। इस पर सभी कांग्रेस विधायकों ने कड़ी आपत्ति दर्ज करवाई और सदन में विशेषाधिकार के उल्लंघन का नोटिस दिया गया।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि गठबंधन सरकार के घोटालों, आंदोलनरत किसानों, बेरोजगारी का दंश झेल रहे नौजवानों और बढ़ती महंगाई की मार झेल रही जनता के मुद्दों पर चर्चा के लिए विपक्ष के विधायकों ने कई स्थगन और काम रोको प्रस्ताव दिए लेकिन सरकार की मंशा विधानसभा चलाने की नहीं लगती। उन्होंने कहा कि बिजनेश एडवाइजरी कमेटी की मीटिंग में हमने एक सप्ताह का मांग के बावजूद मॉनसून सत्र की अवधि सिर्फ 3 दिन तय की है। इससे साफ है कि सरकार तमाम मुद्दों पर जवाब देने से भाग रही है।
सदन में चर्चा के दौरान भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार जनता से कोरोना और ऑक्सीजन की कमी से मौतों का सच छिपा रही है। मौतों का सही आंकड़ा पता लगाने के लिए सरकार को उच्च स्तरीय कमेटी बनानी चाहिए। सरकार को बताना चाहिए कि उसने पहली और दूसरी लहर के दौरान हुए नुकसान से क्या सबक लिया? अगर तीसरी लहर आती है तो उससे निपटने के लिए अब तक कितने डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ की भर्ती की गई है?
हुड्डा ने सरकार से मांग की कि ओलंपिक पदक विजेता खिलाड़ियों को उचित पद सम्मान दिया जाए। प्रदेश सरकार को नीरज चोपड़ा के लिए सेना में ऑनरेरी कर्नल पद देने की सिफारिश करनी चाहिए। रवि दहिया, बजरंग पुनिया और हॉकी खिलाड़ियों को सीधे डीएसपी नियुक्त किया जाना चाहिए। साथ ही प्रदेश के सभी ऑलंपिक प्रतिभागियों को को 1-1 करोड़ प्रोत्साहन राशि दी जाए।
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