हरियाणा में इन्हांसमेंट राशि अपडेट करने पर फिर से विवाद गहराया, ब्याज वसूलने की तैयारी में एचएसवीपी

चंडीगढ़। इन्हांसमेंट मुद्दे के समाधान में लगातार देरी से सेक्टरवासियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। हालांकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Chief Minister Manohar Lal) की अध्यक्षता में 29 सितंबर को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (Haryana Shahari Vikas Pradhikaran) की 119 बैठक में राशि अपडेट के एजेंडा को बोर्ड सदस्यों द्वारा स्वीकृति मिल चुकी है। जिसके आधार पर प्रथम चरण में प्रदेश के 60 सेक्टरों (Sectors) की राशि अपडेट की प्रकिया शुरू होनी है।
एचएसवीपी रिकेलकुलेशन प्रकिया के दौरान का 15 प्रतिशत ब्याज सेक्टरवासियों से वसूलना चाहता है। इसी विवाद के चलते दो अक्टूबर को एसोसिएशन के विरोध के बाद मुख्यमंत्री को राशि अपडेट का कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा। हालांकि बाद में इस मुद्दे पर सहमति बन गयी थी। लेकिन अब पुनः एचएसवीपी ने इस निर्णय में बदलाव करते हुए रिकेलकुलेशन पीरियड का ब्याज लागू कर नया फार्मूला सीएम की स्वीकृति के लिए भेजा है। जिस पर ऑल सेक्टर रेजिडेनटस वेलफेयर एसोसिएशन ने कड़ा ऐतराज जताया है।
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप वत्स ने आरोप लगाया कि एचएसवीपी के कुछ उच्च अधिकारी मुख्यमंत्री के समक्ष गलत आकड़े पेश कर इस मामले को लटकाने का प्रयास कर रहे हैं। जिसके कारण हजारों परिवारों को न्याय मिलने में लगातार देरी हो रही है। एचएसवीपी ने पिछले तीन साल तक जानबूझकर रिकेलकुलेशन प्रकिया को लटकाये रखा ओर अब उसी पीरियड का ब्याज सेक्टरवासियों से वसूलना चाहता है। ये नियमों का सरे-आम उल्लंघन है। एसोसिएशन इसे स्वीकार नहीं करेगी। इससे प्रदेश के सभी सेक्टरों की इन्हांसमेंट राशि में 20 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही है।
वत्स ने कहा कि दो व तीन अक्टूबर को प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजेश खुललर की अध्यक्षता में एसोसिएशन व एचएसवीपी अधिकारियों के साथ हुई बैठक में ये पूर्ण सहमति बनी थी कि रिकेलकुलेशन प्रकिया के दौरान का कोई ब्याज प्लाटधारकों से नहीं लिया जायेगा। लेकिन अब पुनः एचएसवीपी के अधिकारियों ने इस मामले को उलझाने के लिए रिकेलकुलेशन प्रकिया के दौरान का ब्याज लगाने का प्रस्ताव भेजा है। वत्स ने कहा कि इन्हांसमेंट मुद्दे के समाधान में अफसरशाही बड़ी बाधा बनती जा रही है। बार-बार निर्णयों में बदलाव से जनता में अविश्वास की भावना पैदा हो रही है। दूसरी तरफ इस मामले में लगातार देरी से करोड़ों रूपये की गलत इन्हांसमेंट पर बढ़ते ब्याज के कारण सेक्टरों में रहने वाले हजारों मिडिल क्लास परिवार बर्बादी की कगार पर हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर कोई भी निर्णय करने से पहले एसोसिएशन व एचएसवीपी अधिकारियों की सयुंक्त बैठक बुलाने की मांग करते हुए, दो अक्टूबर को बनी सहमति के आधार पर सेक्टरों की राशि अपडेट करने की मांग की।
दो अक्टूबर को एसोसिएशन व सरकार के बीच निम्न मुददों पर बनी थी सहमति
1. इन्हांसमेंट रिकेलकुलेशन प्रकिया के दौरान का ब्याज सेक्टरवासियों पर नहीं डाला जाएगा।
2. राशि अपडेट होने के एक महीने के बाद घटी हुई ब्याज दरें लागू होंगी।
3. सेक्टरों की नयी इन्हांसमेंट राशि अलाटियों को किश्तों में जमा करवानी होगी।
विवाद का कारण एचएसवीपी रिकेलकुलेशन प्रकिया के दौरान का व राशि अपडेट होने के बाद एकमुश्त 15 प्रतिशत ब्याज सेक्टरवासियों से वसूलना चाहता है। जिसका एसोसिएशन विरोध कर रही है।
राशि अपडेट होने के बाद निम्न प्रकार से ब्याज दरें लागू करने पर बैठक में बनी थी सहमति
(1) 0 से 30 दिन का ब्याज 0 प्रतिशत लगेगा
(2) 30 दिन से 6 महीने तक का ब्याज 7 प्रतिशत लगेगा
(3) 6 महीने से एक वर्ष तक का ब्याज 9 प्रतिशत लगेगा
(4) एक से दो वर्ष का ब्याज 10 प्रतिशत लगेगा
(5) दो से तीन वर्ष का ब्याज 11 प्रतिशत लगेगा
(6) तीन वर्ष से ऊपर का ब्याज 12 प्रतिशत लगेगा
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