आईजी और डीजीपी के बीच विवाद : पुलिस प्रमुख बोले- मुझे न्यायालय पर पूरा विश्वास, आईजी वाईपूर्ण कुमार ने दी शिकायत

आईजी और डीजीपी के बीच विवाद : पुलिस प्रमुख बोले- मुझे न्यायालय पर पूरा विश्वास, आईजी वाईपूर्ण कुमार ने दी शिकायत
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मनोज यादव ने इतना जरूर कहा पूरा मामला न्यायालय में लंबित है और मुझे न्यायालय के ऊपर पूरा विश्वास है। उन्होंने कहा कि 18 मई को न्यायालय का फैसला आया था और 19 मई को शिकायत दी गयी है। वो पूरे मामले में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की ओर से तीन महीने में मुख्य सचिव को इस मामले का संज्ञान लेकर निपटान करने की बात हाईकोर्ट ने कही है।

Haribhoomi News : हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव के साथ अंबाला रेंज के आईजी रहे और वर्तमान में होमगार्ड में तैनात वाइ पूरण कुमार के साथ के साथ विवाद को लेकर डीजीपी का कहना है कि उक्त मामला न्यायालय में है, इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहेंगे। डीजीपी ने कहा कि कानून के हिसाब से जो भी होगा वह उन्हें मंजूर होगा।

यहां पर उल्लेखनीय है कि डीजीपी के खिलाफ पूर्व आईजी अंबाला रेंज वाई पूरण कुमार ने गंभीर आरोप लगाते हुए उनका उत्पीड़न करने की लिखित में शिकायत अंबाला एसपी को एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किए जाने की गुहार लगाई है। अंबाला रेंज में बतौर आईजी तैनात रहे, उस दौरान भी उनका प्रदेश के पुलिस प्रमुख के साथ कई विषयों को लेकर विवाद रहा। अब उन्होंने अंबाला एसपी हामिद अख्तर को शिकायत देकर एससी एसटी एक्ट में मामला दर्ज किए जाने की मांग की है। जिसमें उन्होंने 3 अगस्त की घटना का जिक्र किया है, इस दिन में शहजादपुर अंबाला क्षेत्र के मंदिर में तत्कालीन एसपी के साथ गए थे।

इस बारे में 17 अगस्त को डीजीपी मनोज यादव की ओर से लिखित में एक पत्र जारी कर के मंदिर थाने के अंदर स्थापित करने को लेकर सवाल किए थे कि क्या इस बारे में राज्य सरकार से अनुमति ली गई है? शिकायत में आरोप है कि तत्कालीन एसपी अभिषेक जोरवाल से इस बारे में कोई जवाब नहीं मांगा गया। उन्होंने डीजीपी के पत्र के जवाब में अवगत कराया था कि शहजादपुर ट्रैफिक थाने में मंदिर की स्थापना वर्ष 2011 से है। यह पूरा का पूरा मामला की तैनाती से पहले का है उन्होंने सार्वजनिक अवकाश के दिन मंदिर में जाने पर आपत्ति किए जाने को लेकर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि क्या अवकाश के दिन मंदिर में जाना गुनाह है। आईजी वाई पूरण कुमार ने इस संबंध में हरियाणा गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा को भी पत्र लिखा था लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया।

हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव का कहना है कि न्यायालय और कानून में उनका पूरा विश्वास है इसलिए आईजी वाई पूरण कुमार द्वारा लगाए गए आरोपों पर कुछ ज्यादा बोलना नहीं चाहते। विवाद में डीजीपी मनोज यादव ने इतना जरूर कहा पूरा मामला न्यायालय में लंबित है और मुझे न्यायालय के ऊपर पूरा विश्वास है। उन्होंने कहा कि 18 मई को न्यायालय का फैसला आया था और 19 मई को शिकायत दी गयी है। वो पूरे मामले में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की ओर से तीन महीने में मुख्य सचिव को इस मामले का संज्ञान लेकर निपटान करने की बात हाईकोर्ट ने कही है। कानून के हिसाब से जो भी न्याय होगा मुझे पूरी तरह से मंजूर होगा। उनके इस प्रकार के अनर्गल आरोप लगाना बेहद ही दुखद है।

वहीं डीजीपी के खिलाफ जातीय भेदभाव के आरोपों को लेकर वाई. पूर्ण कुमार की शिकायत पर एसपी हामिद अख्तर ने चुप्पी साध रखी है। उधर मिशन एकता समिति ने आरोपों के बाद डीजीपी मनोज यादव को तुरंत पद से हटाने की मांग की है। समिति की प्रदेशाध्यक्ष कांता आलड़िया ने कहा कि ये बहुत ही संगीन मामला है। इस केस में डीजीपी के खिलाफ तुरंत प्रभाव से दलित उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। आईजी वाई पूर्ण कुमार ने कहा कि एसपी व आईजी को इस मामले की पूरी जानकारी देनी चाहिए।

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