हरियाणा के दो IAS में बढ़ा विवाद : संजीव वर्मा ने अशोक खेमका सहित 7 अफसरों के खिलाफ दी एक और शिकायत

पंचकूला। हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन में प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी के 16 अधिकारियों की नियुक्तियों को लेकर सवाल उठे हैं। यह नियुक्तियां वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के तत्कालीन प्रबंध निदेशक अशोक खेमका के कार्यकाल के दौरान होने का दावा किया जा रहा है। जिसमें सात अधिकारी शामिल भी थे। जिसमें सामने आया है कि यह नियुक्तियां करते समय न केवल रोस्टर की अनदेखी की गई है, बल्कि इनमें अनियमितता बरतने के आरोप है।
हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के मौजूदा प्रबंध निदेशक एवं करनाल के मंडलायुक्त संजीव वर्मा ने एक कमेटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद शुक्रवार को पंचकूला सेक्टर 5 थाना पुलिस को डा अशोक खेमका समेत सात अधिकारियों के विरुद्ध केस दर्ज करने की सिफारिश की है। पुलिस को भेजी शिकायत में जीएम सोमनाथ रतन, सहायक मैनेजर प्रशासन एससी कंसल, सहायक मैनेजर राम सिंह, नरेश कुमार, जगदीश लाल और किरण भसीन के नाम शामिल हैं। संजीव वर्मा ने उन सभी 16 अधिकारियों व कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस दिया है। प्रबंध निदेशक ने डा. अशोक खेमका समेत सातों अधिकारियों के विरुद्ध मुख्य सचिव संजीव कौशल को भी लिखी है, जिसमें अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
इससे पहले संजीव वर्मा ने दो अधिकारियों की नियुक्तियों का मामला उजागर करते हुए अशोक खेमका समेत चार अधिकारियों के विरुद्ध एफआइआर कराई है। इसका काउंटर करते हुए अशोक खेमका की तरफ से भी संजीव वर्मा व रवींद्र कुमार के खिलाफ गलत आरोप लगाने व मानहानि के आरोप में एफआइआर दर्ज कराई है। अशोक खेमका के साथ गृह मंत्री अनिल विज थाने पहुंच गए थे, जिसके बाद पहले संजीव वर्मा की ओर से फिर अशोक खेमका की से मुकदमे दर्ज हुए हैं। पुलिस ने अभी संजीव वर्मा की दूसरी शिकायत में एफआइआर दर्ज नहीं की है। डीसीपी ने इस शिकायत का अध्ययन करने व उच्चाधिकारियों के दिशा निर्देश हेतु एसीपी को भेज दिया है।
नियुक्तियों में आरक्षण रोस्टर का किया गया खुले तौर पर उल्लंघन
हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के एमडी के नाते संजीव वर्मा ने पुलिस को भेजी अपनी शिकायत में कहा है कि जांच कमेटी के अनुसार द्वितीय श्रेणी का अधिकारी जिला प्रबंधक अजय कुमार मूल रूप से बिहार का रहने वाला है, लेकिन उसे हरियाणा के डोमिसाइल के बिना नौकरी दे दी गई। मैनेटर-टू जगदीश कुमार सामान्य श्रेणी का व्यक्ति है, लेकिन उसकी भर्ती अनुसूचित जाति के पद पर कर दी गई है, जो कि रोस्टर का खुला उल्लंघन किया है। मैनेजर-टू मुकेश सिंह ने एससी कोटे में नौकरी के लिए अप्लाई किया था, लेकिन उसे बीसी कोटे के पद पर नियुक्ति दी गई है। यानी एससी-बीसी कोटे के पदों पर वास्तविक व पात्र लोगों की नियुक्तियां नहीं की गई हैं और उनमें अनियमितताओं के साथ-साथ भ्रष्टाचार हुआ है। संजीव वर्मा ने अपनी शिकायत में कहा है कि जिन 16 अधिकारियों व कर्मचारियों की भर्तियां अशोक खेमका ने की, उनमें से कई के पास अनुभव प्रमाण पत्र तक नहीं थे। संजीव वर्मा की ओर से भेजी गई शिकायत के मुताबिक जिन 16 अधिकारियों व कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस भेजे गए हैं, उनमें एक अधिकारी प्रथम श्रेणी, दो द्वितीय श्रेणी के और 13 तृतीय श्रेणी के हैं। उनसे पूछा गया है कि क्यों न उन्हें सेवाओं से बर्खास्त कर दिया जाए।
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