सहकारी चीनी मिलों की बढ़ेगी पिराई क्षमता

सहकारी चीनी मिलों की बढ़ेगी पिराई क्षमता
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हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल ने राज्य की सभी सहकारी चीनी मिलों के प्रबंध निदेशकों को निर्देश देते हुए कहा कि आने वाले गन्ना पिराई सीजन में चीनी मिलों की पहले से ही रखरखाव व मरम्मत का कार्य करवा लें ताकि आने वाले सीजन में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हों और किसानों को भी किसी भी समस्या का सामना न करना पडें।

हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल ने कहा कि राज्य की सहकारी चीनी मिलों की क्षमता को बढाने का कार्य जारी है और कुछ सहकारी चीनी मिलों की क्षमता आने वाले पिराई सीजन तक बढा दी जाएगी तथा कुछ चीनी मिलों की क्षमता इससे अगले पिराई सीजन तक बढाई जाएगी ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हों। सहकारिता मंत्री राज्य की सभी सहकारी चीनी मिलों के प्रबंध निदेशकों सहित आए हुए किसानों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत कर रहे थे। बैठक में सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल भी उपस्थित थे।

उन्होंने आज राज्य की सभी सहकारी चीनी मिलों के प्रबंध निदेशकों को निर्देश देते हुए कहा कि आने वाले गन्ना पिराई सीजन में चीनी मिलों की पहले से ही रखरखाव व मरम्मत का कार्य करवा लें ताकि आने वाले सीजन में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हों और किसानों को भी किसी भी समस्या का सामना न करना पडें। उन्होंने कहा कि पलवल की सहकारी चीनी मिल में वर्ष 2020 में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आई है और इसकी क्षमता को बढाने का प्रयास किया जा रहा है और वे चाहते हैं कि पलवल की सहकारी चीनी मिल की क्षमता निर्धारित समय अवधि में बढ जाएं ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हों। इसके अलावा, यदि किसानों की गन्ने की फसल को अन्य सहकारी चीनी मिल में शिफ्ट करने की बात आती है तो इसके लिए एक योजना को भी तैयार किया जाएगा।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि बैठक में विभिन्न सुझाव आए हैं और इन सुझावोंं पर कार्य करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले पिराई सीजन में नवंबर के पहले सप्ताह में सहकारी चीनी मिलों को शुरू कर दिया गया था जिससे गन्ना की पिराई समय पर हो गई और किसानों को समय पर उनकी फसल का भुगतान भी कर दिया गया।

सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सहकारी चीनी मिलों में चल रहे क्षमता विस्तार कार्यक्रम की टाइमलाइन फिक्स करें और हर कार्य का लक्ष्य रखें ताकि समय पर कार्य पूरा हो सकें क्योंकि इससे खर्च भी अधिक नहीं होता है और समय की भी बचत होती है। उन्होंने कहा कि गन्ना पिराई के लिए चीनी मिलों में क्षमता को बढाने का काम करें और यदि ऐसे क्षेत्रों में गन्ने की पैदावार अधिक होती है तो उस गन्ने की फसल की पिराई हेतू अन्य मिल में ले जाने के लिए डायवर्जन प्लान पर काम करें।

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