बच्चों पर कोरोना की मार : विभागीय पत्र न आने की वजह से नहीं मिल रहा मिड-डे मील

बच्चों पर कोरोना की मार : विभागीय पत्र न आने की वजह से नहीं मिल रहा मिड-डे मील
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बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते स्कूलों में पढने वाले बच्चों को दिसम्बर व जनवरी माह में राशन नहीं मिल पाया है। हालांकि स्कूलों में बच्चों को दिया जाने वाला मिड-डे मील का राशन का स्टॉक पर्याप्त है,लेकिन अभी तक विभाग की तरफ से राशन वितरण को लेकर कोई गाइड लाइन न आने की वजह से यह समस्या बनी है।

हरिभूमि न्यूज : भिवानी

बेशक चाहे सरकार ने लॉकडाउन न लगाया हो,लेकिन बढते कोरोना संक्रमण से हर कोई प्रभावित हो रहा है। बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते स्कूलों में पढने वाले बच्चों को दिसम्बर व जनवरी माह में राशन नहीं मिल पाया है। हालांकि स्कूलों में बच्चों को दिया जाने वाला मिड-डे मील का राशन का स्टॉक पर्याप्त है,लेकिन अभी तक विभाग की तरफ से राशन वितरण को लेकर कोई गाइड लाइन न आने की वजह से यह समस्या बनी है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिसम्बर माह में कोरोना संक्रमण केे केस आने के बाद स्कूलों में भी पहले थोड़ी सी सख्ती की गई थी। सख्ती के बाद स्कूलों में पहुंचे बच्चों को मिड.डे.मील का राशन नहीं दिया गया। यहां यह बताते चले कि नवम्बर माह में सभी बच्चों को स्कूलों में ही सूखा राशन वितरित किया गया था,लेकिन दिसम्बर में कोरोना संक्रमण के केस आने के बाद विभाग ने राशन वितरण से संबंधित कोई दिशा-निर्देश नहीं दिया था। जिसके बाद से किसी भी स्कूल में बच्चों को राशन वितरित नहीं किया गया। उसके बाद कोरोना की तीसरी लहर आने व शीत अवकाश होने की वजह से बच्चों को स्कूलों में नहीं बुलाया गया,लेकिन 13 जनवरी से स्कूल खुल गए और आधे शिक्षकों को बुलाया गया। शिक्षकों के स्कूलों में पहुचने के निर्देश तो आ गए,लेकिन बच्चों के आने के बारे में कोई आदेश नहीं आया है। साथ ही स्कूलों में बच्चों को मिड-डे मील वितरण करने के बारे में कोई आदेश नहीं पहुंचा है। निर्देश न मिलने की वजह से शिक्षकों ने अभी तक बच्चों के घरों तक राशन नहीं पहुंचाया है।

राशन का स्कूलों में पर्याप्त स्टॉक

सूत्र बताते है कि बच्चों को दिए जाने वाले राशन का स्कूलों में पूरा स्टॉक है। गेहूं, चावल व सूखे दूध का पाउडर का मार्च माह तक का स्टॉक रखा है,लेकिन जब तक सरकारी निर्देश नहीं आता, तब तक बच्चों में वितरित नहीं किया सकता। चूंकि फिलहाल प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर चल रही है। जिसकी वजह से बच्चों को स्कूलों में नहीं बुलाया गया है। निर्देश न मिलने की वजह से शिक्षकों के समक्ष राशन वितरण को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी है। यहां यह बताते चले कि विगत में लॉकडाउन लगा था, उस वक्त शिक्षा विभाग ने बच्चों के घरों में राशन पहुंचाने के निर्देश दिए थे। उस वक्त शिक्षकों ने बच्चों के घरों में जाकर राशन वितरित किए थे।

बच्चों के खाते में नहीं पहुंची राशि

कोरोना वायरस संक्रमण के चलते बच्चों को स्कूलों में नहीं बुलाया जा रहा है। उनको सूखा राशन ही वितरित किया जाता है। राशन तैयार करने के लिए बच्चों के खाते में राशि भेजी जाती है। जिसमें लकड़ी व अन्य सामान खरीदा जा सकता है। बताते है कि अभी तक विभाग की तरफ से बच्चों के खाते में मिड डे मील का राशन बनाने के लिए बजट नहीं भेजा गया है। जिसकी वजह से शिक्षक बच्चों को राशन नहीं बांट पा रहे है।

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