राशन पर भष्टाचार : शासन स्तर से होगी डीएफएससी मामले की विभागीय जांच

राशन पर भष्टाचार : शासन स्तर से होगी डीएफएससी मामले की विभागीय जांच
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राशन का आवंटन करने के दौरान डीलर्स से उगाही के आरोप अधिकारियों पर लग रहे है। ऐसे में वसूली देकर राशन प्राप्त करने वाले डीलर भी उपभोक्ताओं से आवंटन में खेल करते है।

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत। जिले में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अफसर गरीबों के निवाले की हेराफेरी कर रहे है। विजिलेंस टीम ने 10 दिन में उगाही करते हुए दो अधिकारियों को दबोच लिया है और मुख्य आरोपित विभाग का मुखिया फरार चल रहा है। अब विजिलेंस ने उसको भगौड़ा घोषित करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं शासन स्तर से इस मामले में रिपोर्ट तलब की गई है। डीएफएससी आफिस से रिपोर्ट पहुंचते ही उसको सस्पेंड कर दिया जाएगा। वहीं शासन स्तर से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में राशन वितरण की विभागीय जांच कराने का निर्णय लिया गया है।

बता दें कि राशन का आवंटन करने के दौरान डीलर्स से उगाही के आरोप अधिकारियों पर लग रहे है। ऐसे में वसूली देकर राशन प्राप्त करने वाले डीलर भी उपभोक्ताओं से आवंटन में खेल करते है। विभाग के आला अधिकारियों की मिलीभगत से धड़ल्ले से गरीबों के पेट तक पहुंचने वाला राशन कालाबाजारी की मंडी में बिक जाता है। इसके साथ ही राशन डीलर्स के लाइसेंस को सस्पेंड करने का खेल भी धड़ल्ले से चल रहा है। लाइसेंस सस्पेंड करके उगाही के बाद ही बहाल किए जाते है। इसी खेल में विकास नगर के दीपक से डीएफसी व खाद्य आपूर्ति विभाग के सहायक निरीक्षक ने 50 हजार रुपये की मांग की थी। इस मामले में रुपये लेने के दौरान सहायक निरीक्षक कुलदीप को विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया था। जबकि डीएफएससी अशोक रावत फरार चल रहा है।

यह था मामला

विजिलेंस ने 30 दिसंबर को डीएफएससी कार्यालय के कुलदीप को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया था। वहीं 11 जनवरी को दूसरे कर्मचारी भूपेंद्र को भी रिश्वत लेने के दौरान गोहाना से गिरफ्तार रोहतक की विजिलेंस टीम ने दबोच लिया। ऐसे में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग सोनीपत का मामला शासन स्तर पर गूंज रहा है। यहां पर व्याप्त भ्रष्टाचार का मामला शासन तक पहुंच गया है। ऐसे में डीएफएससी के मामले में शासन से रिपोर्ट मांगी गई है। उसके आधार पर डीएफएससी अशोक रावत को सस्पेंड किया जाएगा। एएफएसओ विशाल सहरावत ने बताया कि उन्होंने अपनी ओर से शासन को रिपोर्ट नहीं भेजी थी। अब शासन से मांगे जाने पर पूरे मामले की रिपोर्ट विजिलेंस की कार्रवाई सहित भेजी जाएगी। उसके आधार पर ही शासन स्तर से आगे की कार्रवाई की जाएगी।वहीं पूरे मामले की विभागीय जांच भी की जाएगी।

आरोपित को किया जायेगा भगोड़ा घोषित

लाइसेंस सस्पेंड करके फिर बहाल करने के मामले में रिश्वत मांगी जा रही थीं। इस मामले में दर्ज रिपोर्ट में डीएफएससी अशोक रावत मुख्य आरोपित है। वह फिलहाल फरार चल रहा है। हमारी टीम उसको गिरफ्तार करने के लिए लगातार छापामारी कर रही है। वह 30 दिसंबर के बाद से हाथ नहीं आ रहा है। ऐसे में भगौड़ा घोषित कराकर उस पर पुरस्कार घोषित किया जाएगा। - जयपाल सिंह, डीएसपी।

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