सोनीपत में सफाई को लेकर धरने पर पार्षद, एजेंसी का आरोप-अनवांछित मांग पूरी करने का दबाव बना रहे हैं पार्षद

सोनीपत में  सफाई को लेकर धरने पर पार्षद, एजेंसी का आरोप-अनवांछित मांग पूरी करने का दबाव बना रहे हैं पार्षद
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सफाई व्यवस्था का यह मुद्दा काफी समय से गरमाया हुआ है। पहले भी कई बार पार्षद जेबीएम की कार्यप्रणाली से नाराजगी जता चुके हैं।

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत

शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर पार्षद सोमवार को नगर निगम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। पार्षदों ने सफाई व्यवस्था को लेरक सफाई एजेंसी पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए कचरा उठाने के प्रबंध को उपयुक्त नहीं बताया। धरने पर बैठे पार्षदों ने इससे पहले सोमवार को सुबह के समय सफाई एजेंसी प्रतिनिधियों और सफाई शाखा की बैठक का भी बहिष्कार किया था। बैठक के बहिष्कार के बाद ही पार्षदों ने धरना शुरू किया। दूसरी ओर इस मामले में सफाई एजेंसी ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री को कर दी है। सफाइ एजेंसी का आरोप है कि पार्षद जनहित के बजाए अनवांछित मांगें पूरी ना होने के चलते व्यवस्था को प्रभावित कर रहे हैं। एजेंसी प्रतिनिधियों का कहना है कि समय आने पर यह अंवाछित मांग सार्वजनिक भी की जाएगी।


बता दें कि सफाई व्यवस्था का यह मुद्दा काफी समय से गरमाया हुआ है। पहले भी कई बार पार्षद जेबीएम की कार्यप्रणाली से नाराजगी जता चुके हैं। कई बार बैठक में प्रस्ताव पारित कर टेंडर रद्द करने की योजना भी बनाई जा चुकी है, लेकिन हर बार किसी न किसी तरह से मामला शांत हो जाता था। अब नई एजेंसी आने के बाद पार्षदों ने फिर से सफाई में लापरवाही को लेकर अंगुली उठानी शुरू की है।

नगर निगम में सोमवार को सफाई एजेंसी प्रतिनिधियों, सफाई शाखा और पार्षदों की नगर निगम आयुक्त ने बैठक ली थी। बैठक में सभी पार्षद आमंत्रित थे, लेकिन पार्षदों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया और इसके बाद नगर निगम के बाहर धरना शुरू कर दिया। पार्षदों ने इस दौरान विरोध प्रदर्शन करते हुए एजेंसी और निगम अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी भी की। पार्षदों ने कहा कि शहर की भलाई सर्वोपरि है। पार्षद शुरू से ही लापरवाही का विरोध कर रहे है। हाउस की बैठकों में भी प्रस्ताव पारित किए जा चुके है। उसके बावजूद कार्रवाई नहीं, एजेंसी प्रतिनिधि हर बार सुधार करने की बात कह समय मांगते रहे। अब शहर की स्थिति खराब हो चुकी है, गुस्साएं लोग पार्षदों के घरों के बाहर कचरा फेंक कर जाने लगे है। अब खुल कर एजेंसी के खिलाफ मोर्चा खोलने के अलावा कोई रास्ता नहीं।

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