अब नगर निगम, नगर पालिका और परिषद में नहीं होगा पार्षद शब्द का इस्तेमाल, जानिए कारण

हरिभूमि न्यूज : अंबाला
नगर निगम में अब पार्षद की जगह सदस्य शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा। निगम के सचिव एवं कार्यकारी अधिकारी की ओर से इस सिलसिले में पत्र जारी कर दिया गया है। अंबाला के सेक्टर 7 के रहने वाले पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार की ओर से लगातार इस मामले को लेकर डीसी अंबाला को पत्र लिखे जा रहे थे। पत्र में म्यूनिसिपल एक्ट की व्यवस्था का हवाला दिया गया था।
पत्र में सचिव की ओर से यह बात कही गई है कि अब भविष्य में निगम की कार्रवाई में व पत्राचार में पार्षद ( काउंसलर ) शब्द का प्रयोग नहीं किया जाएगा। इसके अतिरिक्त कार्यकारी अभियंता ( एक्सईएन ) द्वारा सभी नगर निगम सदस्यों के पहचान व नाम बॉर्ड में भी पार्षद के स्थान पर सदस्य शब्द लिखवाने के आदेश दिए गए हैं। यानि अब नगर निगम के सभी निर्वाचित प्रतिनिधि, जिन्हें आम जनता द्वारा पार्षद या फिर एमसी के नाम से जाना और पुकारा जाता था अब उन्हें सदस्य के तौर पर पुकारा जाएगा।
कानून में नहीं पार्षद शब्द का इस्तेमाल
एडवोकेट हेमंत ने बताया कि हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 जो प्रदेश की सभी नगर निगमों पर लागू होता है और हरियाणा नगरपालिका कानून, 1973 जोकि सभी नगर परिषदों और नगर पालिका समितियों पर लागू होता है में पार्षद या फिर काउंसलर जैसा कोई शब्द ही नहीं है। इसके बावजूद प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में स्थापित तीनों प्रकार की नगर निकायों ( नगर निगमों, नगर परिषदों, नगर पालिकाओं) के वार्डों से निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा उनके निवास स्थान आदि पर एवं उनके संबंधित क्षेत्र में पड़ने वाली गलियों,मोहल्लों व चौराहों आदि में उनका नाम दर्शाने वाले साइन व होर्डिंग्स पर पार्षद शब्द का ही इस्तेमाल किया जा रहा था जोकि पूरी तरह से गैरकानूनी है।
मजे की बात है कि जब चुनाव के बाद राज्य चुनाव आयोग द्वारा विजयी उम्मीदवारों की निर्वाचन नोटिफिकेशन जारी कर उनके नाम सरकारी गजट में नोटिफाई किए जाते हैं तो उसमें भी पार्षद या फिर काउंसलर शब्द का उल्लेख नहीं होता बल्कि सदस्य शब्द का ही प्रयोग होता है। निर्वाचन प्रमाण-पत्र में भी चुनाव जीतने के बाद संबंधित रिटर्निंग अफसर की ओर से प्रदान किए जाने वाले पत्र में भी केवल सदस्य शब्द का ही उल्लेख होता है। इसी प्रकार निर्वाचन प्रतिनिधियों को पद और निष्ठा की शपथ भी संबंधित नगर निकाय के सदस्य के तौर पर ही दिलवाई जाती है। इसको लेकर हेमंत की ओर से लगातार डीसी अंबाला को पत्र लिखे जा रहे थे। अब डीसी के आदेश के बाद निगम अधिकारी हरकत में आए हैं।
पार्षद की जगह सदस्य की बनेगी मोहर
नगर निगम के निर्वाचित ज्यादातर सदस्यों ने पार्षद की मोहर बनाई हुई है। नए आदेश आने के बाद अब इन सदस्यों को पार्षद की जगह सदस्य की मोहर बनवानी पड़ेगी। ज्यादातर सदस्यों ने कहा कि वे निगम के आदेशों की पालना करेंगे। जल्द ही नई मोहरें बनाकर अपना काम शुरू करेंगे। कांग्रेसी पार्षद मेघा ईशु गोयल ने कहा कि पार्षद की जगह सदस्य शब्द का इस्तेमाल करने पर उन्हें कोई ऐतराज नहीं है। उन्होंने कहा कि वे म्यूनिसिपल एक्ट की व्यवस्था के लिहाज से अपना काम करेंगी। जल्द ही सदस्य की नई मोहर भी बनवा लेंगी।
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