जींद : नगरपरिषद प्रधान पूनम सैनी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पार्षदों ने डीसी को सौंपे शपथ पत्र

हरिभूमि न्यूज : जींद
नगर परिषद अध्यक्ष पूनम सैनी के खिलाफ 21 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव का मसौदा डीसी डा. आदित्य दहिया को सौंपकर जल्द बैठक बुलाने की मांग की है। उपायुक्त ने पार्षदों को आश्वासन दिया कि जल्द अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बैठक की तारिख निर्धारित कर दी जाएगी। 31 सदस्यीय नगर परिषद में 21 पार्षदों द्वारा नप अध्यक्षा के खिलाफ शपथ पत्र दिए जाने से विपक्षी पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए पार्षदों का आंकड़ा पूरा करने में सफल हो गए हैं। हालांकि पार्षदों के यह आंकड़ों का खेल अंतिम समय तक जारी रहता है और इसका फैसला अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सदन में होता है। फिलहाल नप अध्यक्षा के खिलाफ एकजुट हुए पार्षदों के तेवरों से साफ झलक रहा है कि नप अध्यक्षा का सिंहासन डोलने वाला है।
21 पार्षदों के शपथ पत्र डीसी को सौंपे
नप अध्यक्षा पूनम सैनी के खिलाफ 20 पार्षद बस अड्डा के निकट पूर्व नप अध्यक्ष विनोद आशरी, सुदेश, पार्षद प्रवीन बैनीवाल के नेतृत्व में होटल में एकत्रित हुए। जिसके बाद वे सीधे लघु सचिवालय पहुंचे और 21 पार्षदों के शपथ पत्र डीसी डा. आदित्य दहिया को सौंपकर अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक बुलाने की मांग की। जिस पर डीसी ने नप आयुक्त को फोन कर अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सौंपे गए शपथ पत्रों को लेकर कार्रवाई के आदेश दिए। साथ ही उन्होंने असंतुष्ट पार्षदों को आश्वासन दिया कि 15 दिन के अंदर बैठक को बुला लिया जाएगा। जिन पार्षदों के शपथ पत्र सौंपे गए उनमें वार्ड नम्बर छह का पार्षद सुभाष जांगड़ा भी शामिल है जो जेल में बंद है। अदालत से विशेष अनुमति लेकर उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के शपथ पत्र हस्ताक्षर कर अपने साथियों को सौंपा।
कौन-कौन से पार्षदों ने सौंपे शपथ पत्र
पार्षद शोभा गोयल, राममेहर, राजवंती, जिले सिंह जागलान, ज्योति कौशिक, सुदेश देवी, संजीव, सुनीता कुंडू, संतोष बैनीवाल, मीनू धीमान, रजनी जांगड़ा, प्रवीन बैनीवाल, मुकेश शर्मा, विनोद आशरी, रजनी अरोड़ा, रिंकू नागर, गुलशन आहुजा, हरपाल सिंह, रणधीर राणा, पूजा कपूर डीसी के समक्ष शपथ पत्र लेकर पेश हुआ और उन्होंने अपने साथ-साथ जेल में बंद पार्षद सुभाष जांगड़ा का शपथ पत्र भी डीसी को सौंपे।
नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष विनोद आशरी व सुदेश देवी ने बताया कि पिछले चार साल से नगर परिषद में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। पूरे शहर को तहस नहस कर दिया गया है। पार्षदों को अब समझ में आ गया है कि शहर की दुर्दशा के लिए नप अध्यक्षा पूनम सैनी जिम्मेवार है। उसी भ्रष्टाचार के खिलाफ सभी 21 पार्षद एकजुट हुए हैं, उन्होंने दावा किया कि अविश्वास प्रस्ताव की तारिख आते ही कुछ और पार्षद उनके खेमे में आ जाएंगे।
जेल में बंद पार्षद ने अदालत में पहुंचकर सौंपा था शपथ पत्र
जेल में बंद नप पार्षद सुभाष जांगड़ा के बारे में अधिवक्ता एवं पार्षद जिले सिंह जागलान ने कहा कि उन्हें मतदान प्रक्रिया में भाग लेने का अधिकार है। सबकुछ अदालत की देखरेख में हुआ है, पुलिस कस्टडी में पार्षद सुभाष जांगड़ा ने अपने नाम से शपथ पत्र खरीदा हस्ताक्षर कर अपने साथी पार्षदों को सौंपा। अब तक उन्हें दोषी करार नहीं दिया गया है केवल उन पर आरोप हैं, इसलिए वे अविश्वास प्रस्ताव में वोट डाल सकते हैं।
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर तारीख निर्धारित कर दी जाएगी
डीसी डा. आदित्य दहिया ने बताया कि 21 पार्षदों के शपथ पत्र अविश्वास प्रस्ताव को लेकर उन्हें सौंपे गए थे। निर्धारित समयाविधि में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर तारीख निर्धारित कर दी जाएगी।
पार्षदों के पास पूरा आंकड़ा नहीं
नप अध्यक्षा पूनम सैनी ने कहा कि उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पार्षदों के पास पूरा आंकड़ा नहीं है। डीसी के समक्ष 21 पार्षदों का पेश होना जरूरी था लेकिन वहां पर 20 पार्षद ही थे। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं आएगा, अगर आता भी है तो वह सदन में गिर जाएगा।
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