पेड़ों की गिनती : वन विभाग को महेंद्रगढ़ जिले के 262 गांवों में अब तक मिल चुके 15 लाख पेड़

- प्रदेश सरकार पेड़ों की गणना कराने उपरांत करेगी योजना तैयार, जहां पेड़-पौधे होंगे कम, वहां दिया जाएगा बढ़ावा, पर्यावरण शुद्धता के मद्देनजर किया जा रहा कार्य
- वन विभाग के अनुसार जिले के 357 गांव एवं ढाणियों में करवाई जान रही है पेड़ों की गणना, अब केवल 95 गांव शेष
नारनौल। हरियाली को बढ़ावा देने और पेड़ों की वास्तविक संख्या जानने के लिए जिले में वृक्षों की गणना अंतिम चरण में है। सरकार द्वारा जिले सहित पूरे प्रदेशभर में कुल कितने वृक्ष हैं, उन सभी की गणना करने का निर्णय लिया हुआ है। इसके तहत पंचायत भूमि, निजी भूमि, वन भूमि, सभी सरकारी व गैर-सरकारी संस्थानों की भूमि तथा घरों में लगे हर प्रकार के वृक्षों की गणना की जा रही है। जिले में अबतक करीब 15,22,416 लाख वृक्षों की गणना हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार की ओर से पूरे राज्य में पेड़-पौधों की गणना करवाई जा रही है। जिला महेंद्रगढ़ में यह गणना अक्टूबर में शुरू की गई थी और इस पखवाड़े में यह पूरी कर लिए जाने की उम्मीद थी, लेकिन धुंध के कारण खराब मौसम बाधा बन रहा है। वन विभाग की टीमें शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर वृक्षों की गणना कर रही हैं। इससे आने वाले समय में इस जानकारी के आधार पर जिन क्षेत्रों में पौधरोपण करने की ज्यादा आवश्यकता है तथा जिन क्षेत्रों में पहले से ही काफी अच्छी हरियाली है, इस आंकलन के आधार पर आगामी सीजन में पौधरोपण तथा उनके रख-रखाव की विभाग योजना बनाएगा। वृक्ष गणना का कार्य पूरे जिले के हर प्रकार की मलकियत पर स्थित पेड़ों का किया जा रहा है। ऐसे में वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा आमजन से जरूरी बिंदुओं पर जानकारियां मांगी जा रही हैं। वन विभाग की टीम द्वारा अब तक अधिकांश गणना व जानकारी जुटाने का कार्य अंतिम चरण में है। टीम द्वारा वृक्षों की लंबाई व मोटाई मापने के बाद उनकी फोटो खींचकर एंड्रायड फोन द्वारा विभागीय एप्प पर अपलोड की जा रही हैं।
गणना का उद्देश्य
इस गणना का मुख्य उद्देश्य जिले में किस गांव या शहर में कितना क्षेत्र हरा भरा है, उसकी जानकारी जुटाई जाएगी। इससे आने वाले समय में उसी जानकारी के आधार पर जिन क्षेत्रों में पौधरोपण करने की ज्यादा आवश्यकता है तथा जिन क्षेत्रों में पहले से ही काफी अच्छी हरियाली है। इस आंकलन के आधार पर आगामी सीजन में पौधरोपण तथा उनके रखरखाव की विभाग योजना बनाएगा। वृक्ष गणना का कार्य पूरे जिले के हर प्रकार की मलकियत पर स्थित पेड़ों का किया जा रहा है। ऐसे में वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा आमजन से जरूरी बिंदुओं पर जानकारियां मांगी जा रही हैं।
पेड़ों को तना तक नाप रहे
वन विभाग के अनुसार की जा रही गणना के तहत न केवल पेड़ों की गणना की जा रही है, बल्कि पेड़ों के तने की मोटाई तक मापी जा रही है। मोटाई के साथ-साथ पेड़ की अन्य जानकारी भी नोट की जा रही है। वन विभाग के अनुसार जिले में इस समय 357 गांव एवं ढाणियां हैं, जिनमें से लगभग 262 गांवों में गिनती पूरी हो चुकी है, जबकि शेष 95 गांवों एवं शहरों में गिनती की जा रही है। अब तक 15,22,416 पेड़ों की गिनती की जा चुकी है।
अरावली क्षेत्र को नहीं किया शामिल
पेड़ों की गणना में सरकार ने रिजर्व फोरेस्ट जैसे अरावली व क्षेत्र व आरक्षित क्षेत्र को शामिल नहीं किया है। इसमें केवल पंचायती, खेतों एवं निजी भूमि समेत सरकारी व गैर-सरकारी संस्थान परिसरों में लगे पेड़ों को शामिल किया गया है।
यह पेड़ हैं अधिक
जिले में अधिकांशतया जांटी, जांट, कीकर के पेड़ अधिक हैं, जबकि अलंथस, नीम, बेरी, टोटलस, बड़, पीपल, शीशम, सिरस आदि के पेड़ भी बहुतायत में हैं।
इस पखवाड़े की जाएगी गणना पूरी
वन राजिक अधिकारी रजनीश कुमार यादव ने बताया कि यह गणना इस पखवाड़े पूरी करने की योजना है, लेकिन धुंध के कारण खराब मौसम बाधा बन रहा है। नारनौल शहर की गणना में थोड़ा समय लगेगा। स्टॉफ के तौर पर गांवों के बेरोजगार युवाओं को लिया गया है, जो गांव की सीमा को जानते हैं और जिनके पास एंड्रायड फोन हो। उन्होंने बताया कि सरकार भावी योजना तैयार कराने के उद्देश्य से गणना करवा रही है।
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