चंडीगढ़ से हिसार के लिए देश की पहली एयर टैक्सी शुरू, सीएम मनोहर लाल ने किया शुभारंभ

Haryana : मकर संक्रांति के पर्व पर देश की पहली एयर टैक्सी चंडीगढ़ से हिसार के लिए शुरू गई है। गुरुवार काे हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट से चंडीगढ़ और हिसार के बीच हवाई सेवा की शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर इस उड़ान के पहले यात्री को बोर्डिंग पास दिया एवं हवाई पट्टी पर जाकर जहाज के बारे में जानकारी ली। यह सेवा एयर टैक्सी एविएशन कम्पनी ने शुरू की है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में हवाई सेवाओं की दिशा में आज एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा कि आज मकर संक्रांति के शुभ दिन चंडीगढ़ से हिसार हवाई सेवा शुरु होने पर मैं सभी को शुभकामनाएं एवं बधाई देता हूँ। एयर टैक्सी कम्पनी ने चार सीटर हवाई जहाज मंगाए हैं। इसमें एक समय में पायलट के अलावा तीन लोग यात्रा कर सकेंगे। इस हवाई जहाज से चंडीगढ़ से हिसार की दूरी 45 मिनट में तय की जा सकेगी। यह सेवा भारत सरकार की 'उड़ान' स्कीम के तहत शुरू हुई है। इस स्कीम की शुरुआत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने की थी जिनका सपना है कि हवाई चप्पल वाला भी हवाई यात्रा करे। 'उड़ान' स्कीम के तहत शुरू हुई यह विमान सेवा प्रधानमंत्री के सपने को साकार करेगी।
उन्होंने कहा कि कम्पनी ने हिसार से चंडीगढ़ तक के लिए 1755 रुपये का बहुत ही किफायती किराया तय किया है। इसकी बुकिंग http://flyairtaxi.in पर ऑनलाइन हो सकेगी। कम्पनी ने प्राइवेट बुकिंग की सुविधा भी रखी है जिसका किराया अलग होगा। हिसार से चंडीगढ़ के बीच हर रोज आवागमन की एक उड़ान निर्धारित समय पर होगी भले ही एक यात्री ने बुकिंग कराई हो। आज से चंडीगढ़-हिसार हवाई सेवा की शुरुआत करने के बाद कम्पनी 18 जनवरी, 2021 से हिसार से देहरादून और 23 जनवरी, 2021 को हिसार से धर्मशाला के लिए हवाई सेवा शुरू करेगी। इसके बाद, हिमाचल के शिमला, कुल्लू, भुंतर के अलावा हरियाणा के सभी एयरपोर्ट से कम्पनी सेवाएं शुरू करेगी।
बता दें कि हिसार हवाई अड्डा के विकास के तीसरे चरण में मुख्य रनवे के साथ दूसरे रनवे भी बनाया जाएगा। माल ढुलाई व ट्रक आदि के लिए अलग ट्रमिनल बनेगा। घरेलू व अंतरराष्ट्रीय पैसेंजर के लिए अलग-अलग टर्मिनल होंगे। रेल यातायात को एयरपोर्ट से जोड़ा जाएगा। पंजाब, राजस्थान व दिल्ली से सीधी कनैक्टीविटी होने से हवाई यात्रियों को बड़ी सुविधा मिलेगी। दिल्ली से हिसार की दूरी तथा 10 हजार एकड़ अतिरिक्त राजकीय भूमि का उपलब्ध होने के कारण एयरपोर्ट के निर्माण में आसानी हो रही है।
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