बेसहारा गोवंश पर कोर्ट की फटकार : पशुओं को पकड़कर वीडियोग्राफी कराएं उपलब्ध

रेवाड़ी शहर में सड़कों पर घूमते बेसहारा पशुओं की समस्या को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील भार्गव की दायर याचिका के आदेश पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए नगर परिषद को इन पशुओं को गोशाला व अन्य स्थानों पर भेजने के आदेश दिए हैं। नगर परिषद को गोवंश को पकड़ते व गोशाला में छोड़ते समय वीडियोग्राफी भी करानी होगी, जिसकी रिपोर्ट उनको समय-समय पर एडवोकेट भार्गव को देनी होगी।
शहर की सड़कों पर विचरण करते गोवंश की समस्या पिछले कई वर्षों से चली आ रही है। पिछले दो महीनों में सड़कों पर घूमते गोवंश की संख्या में काफी वृद्धि भी हो गई है। नगर परिषद इस समस्या को लेकर अभी तक कोई मास्टर प्लान तैयार नहीं कर पाया है। सड़कों पर पशुओं के झुंड से न केवल हादसों का डर बना रहता है। यह पशु हिंसक होकर लोगों को घायल करने के साथ जान भी ले चुके है। पहले पशु शहर के सरकुलर रोड पर ही दिखाई देते थे, लेकिन अब बाजार, मोहल्लों से लेकर सेक्टरों तक झंुड में नजर आ रहे हैं।
शहर में सड़कों पर घूमते बेसहारा पशुओं की समस्या को लेकर एडवोकेट भार्गव ने पब्लिक यूटिलिटी कोर्ट में शिकायत दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने इन पशुओं को जंगलों या गोशाला में छोड़ने के आदेश दिए थे। इनकी देखरेख की व्यवस्था नगर परिषद को सौंपी थी, लेकिन आज भी शहर के अंदर आवारा सांडो ने आतंक मचा रखा है, जिसको देखते हुए एडवोकेट भार्गव ने एक इजरा सिविल सीनियर डिवीजन विनीत सपरा की कोर्ट में दायर की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने नगर परिषद की गाड़ी को अटैच कर दिया था। शुक्रवार को सुनवाई में न्यायाधीश ने नगर परिषद को शहर में घूमते पशुओं को गोशाला या अन्य स्थान पर भेजने तथा उसकी वीडियोग्राफी कराने के निर्देश दिए हैं, जिसकी सूचना नगर परिषद को सुनील भार्गव एडवोकेट को देनी होगी।
कई बार हो चुकी टेंडर प्रक्रिया फेल
सड़क पर घूमते पशुओं को पकड़ने के लिए नगर परिषद की ओर से कई बार टेंडर छोड़ा जा चुका है,लेकिन यह अभियान एक या दो सप्ताह तक ही नजर आया बाद में स्थिति पहले जैसी ही हो गई। शहर की सभी सड़कों पर पशु कब्जा जमाए बैठे रहते ह, जिससे यातायात भी बाधित हो रहा है तथा इनकी चपेट में आने से लोग हादसे का शिकार भी हो रहे है।
पालतु पशु भी सड़क पर
शहर के कई मोहल्लों में पशुओं को बड़ी संख्या में पाला जाता है, लेकिन इनमें से कई ऐसे पशुपालक हैं, जो अपनी गायों का दूध निकालकर उन्हें शहर की सड़कों पर खुला छोड़ देते हैं। ऐसे में शहर में पहले से ही घूम रहे पशुओं की संख्या बढ़ जाती है। शाम ढलते ही पशुपालक अपने-अपने पशुओं को घर ले जाते है। यह सिलसिला प्रतिदिन नियमित रुप से चलता रहता है।
गोशालाओं में जगह नहीं
जिले में कई गोशालाएं है, लेकिन वहां पहले से ही काफी संख्या में गोवंश मौजूद है। इसलिए सड़कों पर घूमती गायों की जिम्मेदारी लेने को कोई भी जल्दी से तैयार नहीं होता। शहर में गोपाल देव चौक के पास स्थित महर्षि दयानंद गोशाला, जाटूसाना में शिवमोहन गोशाला, गांव खंडोड़ा गोशाला व धारूहेड़ा में भी गोशाला स्थापित है। इन गोशालाओं में पहले से ही हजारों की संख्या में गोवंश मौजूद है।
जिदंगी भी छीन चुके गोवंश
शहर के ठठेरा चौक पर पर अगस्त 2020 में लड़ते-लड़ते सांड युवक संजय उर्फ डोली व 22 फरवरी 2021 में आदर्श नगर निवासी 80 वर्षी बुजुर्ग चेतराम की मौत का कारण भी बन चुके है। कुछ वर्ष पहले ब्रास मार्केट में दो सांडों ने लड़ते हुए एक स्कूटी सवार महिला व उसकी बेटी को घायल कर दिया था। वहीं हाल ही में 21 फरवरी 2022 को सांड लड़ते-लड़ते पूर्ण नगर कॉलोनी के एक घर में घुस गए, जहां उन्होंने एक महिला व बच्ची को गंभीर रुप से घायल कर दिया।
डिवाइडर पर पशुओं का तबेला
कई वर्षों से चली आ रही अतिक्रमण की होड़ में सड़क व बाजार ही नहीं, बल्कि हुडा सेक्टर व सरकारी संपत्ति भी अतिक्रमण से अछूती नहीं है। आलम यह है कि शाम ढलने के बाद अतिक्रमणकारी सड़क को भी पशुवाड़ा बनाने में भी संकोच नहीं दिखाते। शहर के सेक्टर-4 स्थित मिनी बाईपास पर रात को कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिलता है। मिनी बाईपास के डिवाईडर व सड़क पर काफी संख्या में पशु बांधे जाते है। इस संदर्भ में सबकुछ जानते हुए भी नगर परिषद के अधिकारी अक्सर अनजान बने रहने का दिखावा करते रहते हैं।
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