सीजन शुरू होने से पहले ही गहराया DAP का संकट, सरकारी एजेंसियों पर भी नहीं मिल रहा खाद

सीजन शुरू होने से पहले ही गहराया DAP का संकट, सरकारी एजेंसियों पर भी नहीं मिल रहा खाद
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किसान बिजाई से पूर्व ही एडवांस में डीएपी की खरीद करके सेफ हो जाना चाहते हैं ताकि आगे कमी होने पर उन्हें कतारों में न लगना पड़े लेकिन अभी से डीएपी की किल्लत है। पिछले एक सप्ताह से सरकारी एजेंसियों पर भी डीएपी नहीं मिल रही

सुरेन्द्र असीजा : फतेहाबाद

रबी की फसलों की बिजाई का सीजन आने से पूर्व ही डीएपी का संकट गहरा गया है। किसान बिजाई से पूर्व ही एडवांस में डीएपी की खरीद करके सेफ हो जाना चाहते हैं ताकि आगे कमी होने पर उन्हें कतारों में न लगना पड़े लेकिन अभी से डीएपी की किल्लत है। पिछले एक सप्ताह से सरकारी एजेंसियों पर भी डीएपी नहीं मिल रही। फतेहाबाद जिले में 5-6 डिस्ट्रीब्यूटरों के पास डीएपी का स्टॉक है लेकिन वे किसानों को डीएपी के साथ अन्य वस्तु भी साथ लेने को मजबूर कर रहे हैं। फतेहाबाद के कृषि उपनिदेशक डॉ. राजेश सिहाग ने कहा कि कोई भी डिस्ट्रीब्यूटर डीएपी के साथ अन्य सामान लेने को मजबूर करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जानकारी के अनुसार सरसों व गेहूं की फसल के बिजाई के बाद डीएपी डाली जाती है। हालांकि बिजाई में करीब एक माह का समय पड़ा है। बीते वर्ष को देखते हुए किसान अभी से ही डीएपी खरीद कर सुरक्षित हो जाना चाहते हैं ताकि आगे उन्हें कठिनाई न हो। सरकारी खरीद एजेंसियां कृभको व इफको ने पहले तो गांवों में पैक्स सोसायटी के माध्यम से डीएपी का वितरण किया लेकिन अब यहां भी डीएपी नहीं मिल रही है। इसके अलावा फतेहाबाद अनाज मण्डी में 5-6 डिस्ट्रीब्यूटर है, जिनके पास इस समय स्टॉक की उपलब्धता है लेकिन ये दुकानदार पहले किसान को डीएपी न होने की बात कहते हैं। जब किसान अपने आढ़ती या अन्य माध्यम से सिफारिश करता है तो उसे डीएपी के साथ नैनो यूरिया, जिंक, जाइम, टोपिक, सल्फर आदि कीटनाशक दवाएं लेने के लिए मजबूर किया जाता है, जिसकी अभी किसान को जरूरत नहीं है।

यहां करीब 100 परचून विक्रेता है जबकि 12 के करीब एजेंसियां है, जिनके पास डीएपी नहीं आ रही। यहां किसान सुबह लाइन में लगता है लेकिन दोपहर बाद निराश ही वापस लौट जाता है। बताया जा रहा है कि डिस्ट्रीब्यूटर के पास जाखल के अलावा पंजाब के मूनक, पातड़ा, सरदूलगढ़ के लोग आकर डीएपी ले जाते हैं और आगे महंगे दामों पर बेच रहे हैं। फतेहाबाद में करीब 1 लाख 85 हजार हैक्टेयर भूमि में गेहूं की खेती की जाती है जबकि करीब 15 हजार हैक्टेयर भूमि पर सरसों की बिजाई की जाती है। इसके लिए जिला में एक अक्टूबर से 31 मार्च तक 25 हजार मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत होती है। अभी सीजन की शुरूआत से ही डीएपी की किल्लत होने से किसानों के साथ-साथ आढ़तियों के साथ-साथ छोटे खाद विक्रेता भी परेशान हैं।

गांवों में पैक्स के माध्यम से डीएपी भेजी : डीडीए

इस समय डीएपी की कोई किल्लत नहीं है। गांवों में पैक्स के माध्यम से डीएपी भिजवा दी गई है। अभी तक 4306 एमटी डीएपी का रैक लग चुका है। शेष रैक 1-2 दिन में लग जाएंगे। कृभको, इफको व हैफेड के पास भी डीएपी आ जाएगी। - डॉ. राजेश सिहाग, डीडीए फतेहाबाद

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