बरसात से फसलें जलमग्न : नरमा के बाद हरा चारा भी बर्बाद, तूड़ी के भाव में तेजी, किसान सस्ते में बेच रहे पशु

बरसात से फसलें जलमग्न : नरमा के बाद हरा चारा भी बर्बाद, तूड़ी के भाव में तेजी, किसान सस्ते में बेच रहे पशु
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लोगों को गर्मी व उमस से राहत दिलाने वाली मानसून की बारिश आज किसानों को रूलाने का काम कर रही है। किसान जिस बारिश के लिए टकटकी लगाकर इंतजार करता था वही बारिश अब उनके अरमानों पर पानी फेर रही है।

हरिभूमि न्यूज : हांसी

लोगों को गर्मी व उमस से राहत दिलाने वाली मानसून की बारिश आज किसानों को रूलाने का काम कर रही है। किसान जिस बारिश के लिए टकटकी लगाकर इंतजार करता था वही बारिश अब उनके अरमानों पर पानी फेर रही है। इस बार सामान्य से अधिक बारिश होने के कारण कई गांवों में सभी फसलें जलमग्न हैं। जिसके कारण कपास, धान, बाजरे की फसल खराब होने की कगार पर हैं। वहीं अब जलभराव के कारण ज्वार और हरा चारा भी बर्बाद हो गया है। आलम ये है कि कई गांव में तो अब पशुपालकों के पास अपने पशुओं के लिए हरा चारा ही नहीं बचा है। अधिकांश गांवों में कुछ ही ऐसा ऐरिया बचा है जहां कुछ एकड़ जमीन पर हरा चारा बचा है। हरा चारा बर्बाद होने व सुखे चारे की कमी के चलते अब ग्रामीण बेजुबान पशुओं का पेट भरने में असमर्थ हैं और अपने पशुओं को सस्ते भाव पर बेचने को मजबूर हैं।

तुड़ी के भाव आसमान छू रहे

बेमौसम बरसात के चलते जहां गेंहू की फसल की पैदावार कम होने के कारण पहले ही पूरे प्रदेश में तूड़ी की कमी थी। वहीं अब हरे चारे व बाजरे की फसल बर्बाद होने के कारण तुड़ी का भाव आसमान छू रहा था। प्रदेश सरकार द्वारा भी तूड़ी की कमी के चलते एक जिले से दूसरे जिले में भेजने पर रोक लगा दी गई थी। बारिश के कारण पशुपालकों के हालात अब और खराब हो गए हैं। जानकारी के अनुसार अब तूड़ी 1400 रुपये प्रति क्विटल से उपर बिक रही है।

धान की फसल भी लगी पानी में समाने

जलभराव के कारण किसानों की कपास की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। किसानों ने कपास की खराब हुई फसल को उखाड़ कर धान की रोपाई की गई थी, परंतु अधिक बारिश के कारण अब धान की फसल भी डूबने लग गई है। किसानों का कहना है कि पहले कपास की फसल बर्बाद हुई और अब धान की रोपाई में भी करीबन 6 हजार रुपये प्रति एकड़ का खर्च आया है। परंतु बारिश के पानी ने अब फिर उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है।

हिसार के इन क्षेत्रों में हालात खराब

खेड़ी गगन, बड़छप्पर, राखी खास, भैणी अमीरपुर, गुराना, पठ्ठी, सिंघवा खास, भाटोल जाटान, सीसर, मिलकपुर, खेड़ी, जालब, बास, बडाला, खांडाखेड़ी, मोठ लुहारी, सिसाय, खरबला, नारनौंद, खरखड़ी, कुंभा, घिराय, मिजार्पुर, नियाणा, बधावड़, ढांड, खानपुर, बिठमड़ा, ढाणा खुर्द, खेड़ी, रोशनखेड़ा, जमावड़ी, खरक पूनिया, गैबीपुर, लितानी, हांसी, ढाणी पाल, बांडाहेड़ी, डाबड़ा, सातरोड, चमारखेड़ा, रामपुरा, प्रभुवाला, बडाला, पुट्‌ठी, चैनत, सिंघवा, राजली, खानपुर सिंधड़, डाटा, गुराना, जमवाड़ी, कुंभा, थुराना, मोहला, बड़झप्पर, राखी गढ़ी, राखी खास, राजथल, सिसाए, लुहारी, राजपुरा आदि सहित कई गांवों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है।

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