हाऊसिंग बोर्ड की सस्ती फ्लैट स्कीम में 14 हजार सैनिकों के करोड़ों रुपये फंसे

चंडीगढ़। हाऊसिंग बोर्ड द्वारा वर्ष 2014 में फौजियों व पैरामिलिट्री परसन के लिए लांच की गयी सस्ती फ्लैट स्कीम में बड़ी लाहपरवाही उजागर हुई है। जिसके कारण एडवांस किश्त के रूप करोड़ो रूपए भरने के बाद भी इन सैनिक परिवारों को आशियाना नहीं मिल पाया है। दरअसल हाऊसिंग बोर्ड द्वारा इस स्कीम को जल्दबाजी में बिना जगह एक्वायर किए लांच कर दिया गया। परिणामस्वरूप स्कीम लांच होने के आठ वर्ष बाद केवल पंचकूला को छोड़कर किसी स्थान पर इस स्कीम के तहत फ्लैट नहीं बने हैं। ये पूरी फ्लैट स्कीम अधर में लटकी हुई है। लाहपरवाही का आलम ये है कि कई स्थानों पर हाऊसिंग बोर्ड इसके लिए जगह तक निर्धारित नहीं कर पाया है।
गुड़गांव में पिछले आठ वर्ष में तीन बार जगह बदलने के बाद भी आज तक इन फ्लैटों का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। वर्ष 2020 में हाऊसिंग बोर्ड द्वारा फ्लैटों की कीमतों में बढ़ोतरी व जगह में बदलाव कर अलाॅटियों से सहमति व असहमति मांगी गयी थी, जिसमें ज्यादातर अलाटियों ने असहमति जताते हुए, पैसा ब्याज सहित वापिस लौटाने की मांग की थी। लेकिन इस पर दो वर्ष बाद भी कोई निर्णय नहीं लिया गया। ऑल सेक्टर रेजिडेन्टस वेलफेयर एसोसिएशन ने पत्र लिखकर सीएम मनोहर लाल से हस्तक्षेप की मांग की है। एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप वत्स ने आरोप लगाया कि हाऊसिंग बोर्ड के अधिकारी विभाग की माली हालत का हवाला देकर इस मामले को जानबूझकर लटका रहें हैं तथा अलाॅटियों को फ्लैट सरेंडर करने पर मजबूर किया जा रहा है।
सैनिकों का ब्याज सहीत सारा पैसा लौटाये सरकार - वत्स
सेकटर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप वत्स ने कहा कि हाऊसिंग बोर्ड की लाहपरवाही का खामियाज़ा हजारों सैनिक व उनके परिवार भूगतने को मजबूर हैं। नियमानुसार ये फ्लैट तीन वर्ष में बन जाने चाहिए थे। लेकिन स्कीम लांच होने के आठ वर्ष बाद भी फ्लैट नहीं बन पाना हाऊसिंग बोर्ड की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। वत्स ने कहा कि ये उन हजारों सैनिक परिवारों के साथ बहुत बड़ा धोखा है, जिन्होंने हाऊसिंग बोर्ड की नीतियों पर विश्वास व्यक्त करते हुए इस फ्लैट स्कीम में वर्षों की जमा पूंजी लगायी थी। लेकिन बोर्ड ने इसे पैसा कमाने का माध्यम बना लिया। मुख्यमन्त्री से मांग है कि जो सैनिक परिवार इस स्कीम से पैसा रिफंड मांग रहे हैं, उन्हें बिना किसी देरी के सम्पूर्ण राशि 18 प्रतिशत ब्याज दर से लौटाने के आदेश जारी करें।
गुड़गांव में हुआ तीन बार जगह में बदलाव
गुड़गांव में इस फ्लैट स्कीम के तहत बीते आठ साल में तीन बार स्थान बदले जा चूकें हैं, सर्वप्रथम स्कीम लांच करते समय सेक्टर- 40 दर्शाया गया उसके बाद स्थान बदलकर सेक्टर 102 ए कर दिया। पांच वर्षों तक अलाटियों को सेक्टर 102 ए में फ्लैट बनाने का आश्वासन दिया गया लेकिन फिर सेक्टर 102 ए से स्थान बदलकर सेक्टर-106 कर दिया। लेकिन वहां भी अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है।
क्या है पूरा मामला
▪️हाऊसिंग बोर्ड द्वारा वर्ष 2014 में जेसीओ रैंक या समकक्ष सेवारत/ सेवानिवृत्त फौजियों और पैरामिलिट्री जवानों व उनके परिवारों के लिए 11 जिलों में 19 स्थानों पर 13696 फ्लैट की स्कीम लांच की थी।
▪️इस स्कीम में गुडगांव, पंचकुला, फरीदाबाद, रोहतक, पिंजौर, रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़, झज्जर, पलवल, सांपला और बवानी खेड़ा में फ्लैट बनने थे।
▪️दिनांक 17 फरवरी 2014 से 28 मार्च 2014 के बीच चली इस स्कीम में हजारों की संख्या में आवेदन हुए। दिनांक 31 दिसम्बर 2014 को ड्रा निकाला गया।
▪️हाऊसिंग बोर्ड द्वारा ड्रा में सफल हुए आवेदकों से कुल फ्लैट कीमत की 25 प्रतिशत राशि एडवांस किश्त के रूप में करोड़ों रूपए जमा करवा ली।
▪️एडवांस किश्त के रूप में करोड़ो रूपए भरने के आठ वर्ष बाद भी पंचकुला को छोड़कर किसी स्थान पर फ्लैट नही बने हैं।
▪️गुड़गांव में पिछले आठ वर्ष में तीन बार स्थान बदले गए, लेकिन आज तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ।
▪️इसके अलावा कई स्थानों पर फ्लैट की कीमत बढ़ा दी गई तो कुछ स्थानों जगह नहीं मिलने से स्कीम को रद्द करना पड़ा।
▪️बोर्ड की कार्यप्रणाली से नाराज होकर हजारों अलाॅटी एडवांस किश्त के रूप में जमा राशी को ब्याज सहीत वापिस लौटाने की मांग कर रहे है।
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