आवारा कुत्तों के खिलाफ क्रूरता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी

मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए नगर निगम, पंचकूला ने क्षेत्र में आवारा कुत्तों, रेबीज नियंत्रण और आवारा कुत्तों की आबादी के प्रबंधन के लिए व्यापक योजना के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु एक निगरानी एवं कार्यान्वयन समिति का गठन किया है। इस समिति का गठन पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960, एबीसी नियम 2001, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश और भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के दिशा-निर्देर्शों के तहत किया गया है। नगर निगम, पंचकूला के आयुक्त इस समिति के पदेन अध्यक्ष होंगे।
नगर निगम, पंचकूला के आयुक्त आर. के. सिंह ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि भारतीय पशु कल्याण बोर्ड, भारत के सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालयों और केंद्र व राज्य सरकारों के समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए निगरानी एवं कार्यान्वयन समिति का गठन किया गया है।
सिंह ने कहा कि योजना के उद्देश्य को सार्थक रूप देने के लिए नगर निगम, पंचकूला ने कुत्तों के उपचार और कानून के दायरे में रहते हुए कुत्तों की नसबंदी की सुविधा प्रदान करने के लिए सुखदर्शनपुर में एक डॉग केयर, अस्पताल, हॉस्टल, एडोपशन और पुनर्वास केंद्र स्थापित किया है।
उन्होंने कहा कि निगरानी एवं कार्यान्वयन समिति कुत्तों को पकडऩे, परिवहन, आश्रय, नसबंदी, टीकाकरण और उपचार के संबंध में निर्देश जारी करेगी। साथ ही, नसबंदी/टीकाकरण और उपचारित कुत्तों को उनके मूल स्थान पर छोडऩा भी सुनिश्चित करेगी। यह समिति पशु कल्याण संगठनों और गैर सरकारी संगठनों से भी सहयोग लेगी। इससे सार्वजनिक जागरूकता और सहयोग बढेगा।
सिंह ने कहा कि यह समिति आवारा कुत्तों के नियंत्रण और प्रबंधन, टीकों के विकास और कम लागत पर नसबंदी व टीकाकरण आदि से संबंधित अनुसंधान के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले विकास पर नजर रखेगी। इसके अलावा, समिति पालतू जानवरों के मालिकों और वाणिज्यिक तौर पर नस्ली कुत्तों को रखने वालों को समय-समय पर दिशा-निर्देश भी जारी करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि आवारा कुत्तों के खिलाफ क्रूरता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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