11 नवंबर से बंद हैं क्रेशर, लघु सचिवालय में भूख हड़ताल पर बैठे संचालक, सरकार काे दी ये चेतावनी

हरिभूमि न्यूज : चरखी दादरी
बिगड़ते पर्यावरण ( Air Pollution ) को देखते हुए एनजीटी ( Ngt ) ने डेढ़ महीने से पूर्व बंद किए गए क्रेशरों को चालू करने की मांग को लेकर क्रेशर संचालकों ने वीरवार को सोमबीर घसौला की अध्यक्षता में भूख हड़ताल शुरू कर दी। क्रेशर संचालकों ने कहा कि सरकार जल्द ही क्रेशर चालने की अनुमति प्रदान करे अन्यथा आंदोलन को तेज किया जाएगा। तीन दिन पूर्व क्रेशर मालिकों ने उपायुक्त को ज्ञापन दिया था। ज्ञात रहे कि गत महीने में बिगड़ते पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए एनजीटी ने क्रेशरों को बंद किया था। डेढ़ माह से क्रेशर पूरी तरह बंद हैं। क्रेशर मालिक पिछले 10 दिनाें से सरकार को क्रेशर चालू करने की मांग कर रहे हैं।
क्रेशर यूनियन के जिला प्रधान सोमबीर घसौला ने कहा कि प्रदूषण की स्थिति सामान्य होने के बाद भी सरकार व एनजीटी क्रेशर पर काम करने की अनुमति नहीं दे रही। माइनिंग जोन की बिजली भी काटी गई है। संचालकों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर काटी गई बिजली की आपूर्ति शुरू नहीं की गई तो जरनेटरों से क्रेशर चलाने पर मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि लाखों परिवारों की रोजी-रोटी का संकट बना है। क्रेशर बंद होने से करोड़ों रुपए का कारोबार प्रभावित होने के साथ-साथ काफी नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। अगर ऐसे की हालात रहे तो क्रेशर संचालकों ने भूख हड़ताल शुरू करते हुए आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है।
11 नवंबर से क्रेशरों को अनिश्चितकालीन बंद करने के निर्देश जारी
बता दें कि एनजीटी द्वारा गत 11 नवंबर से क्रेशरों को अनिश्चितकालीन बंद करने के निर्देश जारी किए थे। जिसके चलते दादरी जिला के करीब तीन सौ क्रेशर बंद हैं। ऐसे में यहां करोड़ों रुपये का कारोबार व लाखों परिवार प्रभावित हो रहे हैं। क्रेशर बंद होने के विरोध में क्रेशर यूनियन के प्रधान सोमबीर घसोला की अगुवाई में क्रेशर संचालकों ने दादरी के लघु सचिवालय में भूख हड़ताल शुरू करते हुए आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया। साथ ही प्रदर्शन करते हुए सरकार पर दादरी क्षेत्र के क्रेशरों को एनजीटी के माध्यम से बंद करवाने का आरोप लगाया। पहाड़ी क्षेत्र में रोजगार करने वाले लोगों ने कहा कि क्रेशर बंद होने से संचालकों को नुकसान हो रहा है। करीब एक लाख परिवार भी प्रभावित हैं। सरकार ने एनजीटी का हवाला देते हुए 11 नवंबर से अनिश्चितकालीन क्रशरों को बंद कर दिया है। अगर सरकार ने क्रशरों का संचालन शुरू नहीं किया तो धरने पर ही भूख हड़ताल के दौरान जान दे देंगे। इसके अलावा निर्णय लेते हुए जबरदस्ती क्रेशरों का संचालन करने पर मजबूर होंगे।
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