महम चीनी मिल का पेराई सत्र 9 नवंबर से होगा शुरू

हरिभूमि न्यूज: महम
महम चीनी मिल का पेराई सत्र-9 नवंबर से शुरू होगा। उसके लिए मिल प्रशासन द्वारा तैयारियां पूरी की जा रही हैं। लेकिन गन्ना किसानों व मिल कर्मचारियों को सत्र शुरू होने से पहले ही यह चिंता सताने लगी है कि मिल में गन्ना कैसे पहुंचेगा। क्योंकि मिल में गन्ना पहुंचाने के लिए अभी तक रास्ता ही नहीं बना है। पिछले कई सालों से रोंग साइड से मिल में किसान गन्ना लेकर पहुंचते हैं। जिस वजह से कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। हरियाणा शुगरमिल फेडरेशन उपप्रधान महिपाल नैन ने बताया कि महम चीनी मिल के सामने दिल्ली हिसार हाइवे का पुल बना हुआ है।
जब किसान व मिल कर्मचारी महम की ओर से आते हैं तो उन्हें पुल के दक्षिण दिशा में पुल के नीचे जाना चाहिए और फिर पुल के नीचे सामने ही मिल का गेट है। वहां से मिल में प्रवेश किया जाता है। लेकिन हो क्या रहा है कि पुल शुरू होने से पहले ही मिल कर्मचारियों व गन्ना किसानों को अपने वाहन पुल की उत्तर दिशा में रोंग साइड लेने पड़ते हैं। जिस वजह से उनकी जान तो जोखिम में होती ही है, वहीं वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने का भी भय बना रहता है।
पुल के दक्षिण में कच्चा रास्ता होने से वहां पर वाहन पलटने का खतरा रहता है। जिस वजह से गन्ने की ट्रॉली वहां से नहीं ले जाई जा सकती। इस सड़क के निर्माण की मांग को लेकर कई बार मिल कर्मचारी व किसान मिल प्रबंधन और महम के एसडीएम से मांग कर चुके हैं। लेकिन सड़क का निर्माण नहीं किया जा रहा। इस बार फिर यही संकट बना हुआ है। फेडरेशन उपप्रधान ने मिल प्रबंधन से सड़क निर्माण की मांग की है और कहा है कि मिल के कर्मचारियों व किसानों के साथ मिल के एमडी की जान भी उतनी ही कीमती है। इसलिए इसको लेकर मिल सत्र शुरू होने से पहले ही उचित कदम उठाए जाएं। क्योंकि धुंध के सीजन में यहां हादसे होने का अंदेशा अधिक बना रहता है।
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