पेराई सत्र ने पकड़ी रफ्तार : सोनीपत चीनी मिल ने किसानों को दिए पर्ची पहुंचने से पहले गन्ने की छुलाई न करने के निर्देश

पेराई सत्र ने पकड़ी रफ्तार  :  सोनीपत चीनी मिल ने किसानों को दिए पर्ची पहुंचने से पहले गन्ने की छुलाई न करने के निर्देश
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मौजूदा समय में सोनीपत चीनी मिल की रिकवरी रेट 8 प्रतिशत के करीब बनी हुई है। मील प्रशासन इसे बढ़ाकर 10 प्रतिशत तक ले जाने की कवायद में जुटा है। शनिवार को इस पेराई सत्र की रिकार्ड 21 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई की गई।

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत

दी सहकारिता चीनी मिल सोनीपत में गन्ने की आवक बढ़ने के बाद अब पेराई सत्र रफ्तार पकड़ने लगा है। ऐसे में चीनी मिल प्रबंधन का फोकस अब चीनी का उत्पादन बढ़ाने पर है। जिसके लिए मिल प्रशासन ने किसानों का आह्वान किया है कि जब तक पर्ची नही पहुंचती, तब तक गन्ने की छुलाई का काम शुरू न करे। यही नही ग्रीन टॉप गन्ना अधिक लाने पर वजन में कटौती की जा सकती है।

बता दें कि मौजूदा समय में गन्ने की पेराई का काम तेजी से किया जा रहा है। मील में पेराई की रफ्तार को देखते हुए किसान समय से पहले ही गन्ने की छुलाई करके गन्ने को ट्रॉलियों में लोड करके खड़ा कर रहे है, परन्तु इस दौरान अगर संबंधित किसान को पर्ची जारी करने में देरी होती है या फिर मिल में किसी वजह से पेराई का काम प्रभावित होता है तो गन्ना संबंधित किसान के खेत में ही सुखने लगता है। ऐसा गन्ना जब मिल में पहुंचता है तो उससे चीनी की रिकवरी पर काफी प्रतिकूल असर पड़ता है। मौजूदा समय में सोनीपत चीनी मिल की रिकवरी रेट 8 प्रतिशत के करीब बनी हुई है। मील प्रशासन इसे बढ़ाकर 10 प्रतिशत तक ले जाने की कवायद में जुटा है। शनिवार को इस पेराई सत्र की रिकार्ड 21 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई की गई।

अब तक 3 लाख 50 हजार क्विंटल गन्ने की हो चुकी है पेराई

सोनीपत चीनी मिल में पेराई सत्र की शुरूआत भले ही 17 नवंबर को हुई हो, लेकिन गन्ने की पेराई का काम 21 नवंबर को शुरू हो पाया था। जिसके बाद अब तक सोनीपत चीनी मिल में 3 लाख 50 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई का काम पूरा किया जा चुका है। चीनी की रिकवरी रेट 8 से 9 प्रतिशत के बीच में बनी हुई है। सोनीपत चीनी मिल की पेराई क्षमता 22 हजार क्विंटल प्रतिदिन है। हालांकि पिछले 24 घंटे में मिल में करीब 21 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई कर रफ्तार पकड़ने लगा है।

पेराई प्रक्रिया अब तेजी से की जा रही है। साथ ही रिकवरी रेट को बढ़ाने को लेकर भी कदम उठाए जा रहे है। किसानों का आह्वान किया गया है कि पर्ची जारी होने से पहले गन्ने की छुलाई न करे। इसके अतिरिक्त ग्रीन टॉप गन्ना लेकर भी मील में न पहुंचे। - अनुपमा मलिक, एमडी, चीनी मिल सोनीपत।

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