रेलवे ट्रैक में आया करंट : फाटक पार कर रही बकरियां चपेट में आई, गेटमैन ने बचाई जान

रेलवे ट्रैक में आया करंट : फाटक पार कर रही बकरियां चपेट में आई, गेटमैन ने बचाई जान
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करंट कहां से आया था, इसकी जानकारी नहीं लग पाई। करीब आधे घंटे बाद रेलवे फाटक को खोला गया। घटना के दो घंटे बाद भी रेलवे इलेक्ट्रिक विंग की टीम मौके पर नहीं पहुंची थी।

हरिभूमि न्यूज : कनीना ( महेंद्रगढ )

गुढ़ा-कैमला रेलवे स्टेशन के समीप फाटक संख्या 90-सी सोमवार को प्रात करीब साढ़े दस बजे खुला हुआ था और यात्री सामान्य समय की तरह आवागमन कर रहे थे। उसी दौरान वहां से एक चरवाहा अपनी बकरियां लेकर जंगल की ओर जा रहा था, तो दो बकरियाें को वहां रेल ट्रैक में आ रहा करंट लग गया। वह रेलवे ट्रेक से चिपक गई। जिसको पास खड़े गेटमैन जयसिंह व चरवाहे ने रस्सी व तोलिया की सहायता से खींचकर करंट से छुड़ाया और गेटमैन जयसिंह ने तत्काल सावधानी बरतते हुए रेलवे गेट को बंद कर दिया। इसके चलते सड़क के दोनों ओर वाहनों की लाइन लग गई।

उन्होंने रेल अधिकारियों को सूचित किया, लेकिन समय पर कोई रेल अधिकारी नहीं पहुंचा। उसी दौरान गुढ़ा के ग्रामीणों ने बिजली निगम के लाइनमैन की मदद से गांव गुढ़ा के डीएस फीडर की सप्लाई बंद करवाई। जिसके चलते यह तो सिद्ध नहीं हुआ कि करंट बंद हो गया, लेकिन यात्री वहां से निकल गए। करंट कहां से आया था, इसकी जानकारी नहीं लग पाई। इस दौरान करीब आधे घंटे बाद रेलवे फाटक को खोला गया। ग्रामीणों ने इस बात को लेकर रोष जताया कि जब रेलवे ने इस लाइन का विद्युतीकरण कर दिया है तो प्रत्येक गेट पर ऐसे उपकरण होने चाहिए जिससे रेल की पटरियों में करंट आए तो उसकी जांच की जा सके। इस बारे में गेट संख्या पर अंकित रेलवे के एसएसडब्ल्यू के दूरभाष नंबर पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि ट्रैक में करंट कैसे आया, इसकी जांच रेलवे की सादुलपुर से आने वाली टीम ही करेगी। घटना के दो घंटे बाद भी सादुलपुर से रेलवे इलेक्ट्रिक विंग की टीम नहीं पहुंच पाई थी।

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