NH 152-D : नेशनल हाईवे 152 डी पर कट के लिए अब 13 मार्च से 40 गांव का अनिश्चितकालीन धरना होगा आरंभ

नारनौल-कनीना।कनीना-दादरी मार्ग पर सेहलंग-बाघोत गांव के बीच से गुजर रहे राजमार्ग 152-डी पर कट के लिए चालीस गांवों का अनिश्चितकालीन धरना 13 मार्च से शुरू होगा। इसको लेकर बैठक कर रणनीति बनाई गई है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए संघर्ष समिति के प्रधान विजय सिंह चेयरमैन नोताना ने बताया कि इन गांवों के लोगों की पिछले दिनों जहां एक मीटिंग हुई थी, जिसमें इस कट को यथाशीघ्र प्रारंभ करने के लिए मांग की गई थी। सरकार के विभिन्न प्रतिनिधियों को इस बारे में पत्र भी भेजा गया लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ। उसी दिन सभी गांवों के लोगों ने यह आह्वान किया था कि अगर 12 मार्च तक इस बारे में सरकार की तरफ से कोई आश्वासन नहीं मिलता है तो 13 मार्च से यहां पर अनिश्चितकालीन धरना प्रारंभ हो जाएगा।
बागेश्वर धाम बाघोत के शिव मंदिर में विभिन्न गांवों के प्रतिनिधियों की एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें पार्षद प्रतिनिधि लीलाराम बाघोत, ब्लॉक समिति सदस्य महिपाल नंबरदार, राजेंद्र सरपंच, महावीर पहलवान, रामनारायण पंच, रमेश पहलवान, लखन व महेश पहलवान, सुबेसिंह पंच, पूर्व पार्षद राजसिंह नोताना, कंवरपाल एडवोकेट सेहलंग, रमेश क्रांति, सुनील कुमार, डॉ विक्रमसिंह आदि काफी सदस्यों ने सर्वसम्मति से फैसला लिया कि आने वाली 13 मार्च से यहां पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाए। जैसा की विदित है कि इस मार्ग पर 35 किलोमीटर तक महेंद्रगढ़ और दादरी के बीच कोई कट नहीं है जबकि यहां पर विश्व प्रसिद्ध ज्योतिलिंर्गों में से एक बागेश्वर धाम, सेंट्रल यूनिवर्सिटी हरियाणा, एनटीपीसी तापीय विद्युत परियोजना झाड़ली जैसे प्रमुख स्थान यहां से बहुत नजदीक है। साथ ही लगभग तीन से चार लाख लोगों की जनसंख्या इस क्षेत्र में रहती है। इन सभी को इस मार्ग पर चढ़ने के लिए दादरी या महेंद्रगढ़ की तरफ जाना पड़ता है जो यहां से 20 किलोमीटर से भी अधिक दूरी पर स्थित है। इन 40 गांव के लोगों ने मिलकर यह फैसला लिया कि इस मार्ग पर अवश्य कट बने।
इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के द्वारा पंचगांव में की गई रैली में इस कट के लिए की गई मांग को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंजूर करने की घोषणा भी की थी लेकिन इसके बावजूद भी इस मार्ग पर कट का कार्य प्रारंभ नहीं हो रहा। अत: आसपास के गांवों के लोगों में इस बात का रोष है की घोषणा होने के बावजूद भी इस कट का कार्य प्रारंभ नहीं हो रहा। यहां के लोग यहां पर धरना देना प्रारंभ कर रहे हैं। इसके लिए संघर्ष समिति ने सभी लोगों से आह्वान किया गया है कि वे अधिक से अधिक संख्या में प्रतिदिन इस धरना स्थल पर आकर बैठे ताकि सरकार की आंखें खुले और यह कट आरंभ हो सके।
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