लिंगानुपात में दादरी जिला दूसरे पायदान पर आया, एक हजार लड़कों पर 944 लड़कियां

लिंगानुपात में दादरी जिला दूसरे पायदान पर आया, एक हजार लड़कों पर 944 लड़कियां
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दादरी जिले ने बेटियों की रक्षा करने में दूसरे पायदान पर पहुंचने तक का सफर तय कर लिया है। अब हमारा जिला पूरे प्रदेश में नंबर एक पर आने के लिए प्रयासरत हैं। इसके लिए हम सभी को मिलकर अथक प्रयास करते हुए कन्या भ्रूणहत्या की बुराई को मिटाना है

चरखी दादरी। दादरी जिले ने बेटियों की रक्षा करने में दूसरे पायदान पर पहुंचने तक का सफर तय कर लिया है। अब हमारा जिला पूरे प्रदेश में नंबर एक पर आने के लिए प्रयासरत हैं। इसके लिए हम सभी को मिलकर अथक प्रयास करते हुए कन्या भ्रूणहत्या की बुराई को मिटाना है। वर्ष 2020 में दादरी जिला का लिंगानुपात 888 था, जो वर्ष 2021 में बढ़कर 904 और 2022 में 944 हो गया है। अब चरखी दादरी और जींद जिला संयुक्त रूप से प्रदेश में दूसरे नंबर पर आ गए हैं। प्रदेश में फतेहाबाद जिला 958 लिंगानुपात के साथ प्रथम स्थान पर है।

इस समय प्रदेश में कुल लिंगानुपात की स्थिति एक हजार लड़कों के मुकाबले 915 लड़किया हैं। उपायुक्त प्रीति ने कहा कि स्वास्थ्य, पुलिस, महिला एवं बाल विकास व शिक्षा विभाग की ओर से बेटियों को बचाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के लिए बधाई दी है। उन्होंने बताया कि जिसका पूरी तरह से संतोषजनक नहीं कहा जा सकता। अभी इसमें और सुधार होने की जरूरत है। लिंगानुपात में वृद्घि कर हमें दादरी को एक नंबर पर लाने के लिए कन्या भू्रण हत्या को पूरी तहर से खत्म करना है। जो लोग गर्भ में बेटी को मरवाने का कुत्सित धंधा कर रहे हैं, उनको जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने में सभी जन सहयोग करें।

सीएमओ डा. कृष्ण कुमार ने बताया कि गर्भ में कन्या भू्रण हत्या को रोकने के लिए इस साल में तीन रेड की गई, जो कि पूरी तरह सफल रही। इसके अलावा पीएनडीटी व एमटीपीए के मामलों में कानूनी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाए जा रहे अभियान में डीसी प्रीति व एसपी दीपक गहलावत का उन्हें पूरा सहयोग मिल रहा है। इसके अलावा आशा वर्कर, आंगनबाडी वर्कर, बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्यकर्मी, शिक्षक, पंचायत प्रतिनिधि, नगर पार्षद आदि भी पूरी जागरूकता को बेटियों की रक्षा करने में अपना योगदान दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि दादरी जिला में स्थापित सभी 18 अल्ट्रासाउंड सैंटरों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जा रहा है। किसी नागरिक को गर्भ में लिंग जांच करवाने और भ्रूण हत्या करवाने के किसी मामले का सुराग मिलता है तो वह इसकी सूचना सीएमओ कार्यालय या पुलिस विभाग को दे सकता है, उसका नाम गुप्त रखा जाएगा।

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