रिश्तेदार ने जमीन के रुपये नहीं दिए तो उठाया खतरनाक कदम

हरिभूमि न्यूज. बहादुरगढ़
गांव बाढ़सा में एक व्यक्ति ने संदिग्ध परिस्थितियों ने फंदा लगाकर जान दे दी। रिश्तेदार द्वारा जमीन के लाखों रुपये न देने से परेशान होकर व्यक्ति द्वारा यह कदम उठाए जाने की बात सामने आ रही है। उसके कपड़ों से पुलिस को सुसाइड नोट मिला है। बाढ़सा चौकी पुलिस ने आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मृतक की पहचान करीब 46 वर्षीय सुरेंद्र के रूप में हुई है। सुरेंद्र ने सोमवार को अपने मकान की छत पर बने कमरे (चौबारे) में फंदा लगा लिया। परिजनों ने देखा तो उसे संभाला, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। इसके बाद अस्पताल में ले जाया गया तो चिकित्सकों ने मौत की पुष्टि कर दी। पुलिस ने परिजनों से पूछताछ की। देर शाम को शव नागरिक अस्पताल रखवा दिया। परिजनों के बयान के बाद मंगलवार को पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों के हवाले किया गया। मामला जमीन के रुपयों से जुड़ा हुआ है।
बयानकर्ता सुरेंद्र ने कहा है कि मेरे बड़े भाई मुकेश ने नानकहेड़ी दिल्ली के निवासी हंसराज को अपनी दो कैनाल जमीन बेची थी। इस जमीन की पूरी रकम उसे नहीं मिली थी। एक बार वह भी अपने भाई के साथ हंसराज से रुपये लेने गया था। लेकिन उसने इंकार दिया था। इस वजह से भाई मकेश बहुत परेशान चल रहा था। शायद उसी वजह से उसने यह कदम उठा लिया।
सुसाइड नोट में ये लिखा
जांच के दौरान मुकेश के पास से सुसाइड नोट बरामद हुआ। सुसाइड नोट में लिखा है कि रिश्तेदार हंसराज ने मेरे साथ धोखा किया। पहले तो एग्रीमेंंट में 9 हजार रुपये गज के हिसाब से बात हुई थी। चूंकि रिश्तेदार था तो मैंने उसका भरोसा कर लिया, लेकिन उसने एग्रीमेंट में 8500 रुपये लिखवा दिया था। बाद में बातचीत हुई तो उसने 9 हजार रुपये गज के हिसाब से पेमेंट करने की बात कुबूल कर ली थी। लेकिन इसके बाद रजिस्ट्री के दौरान धोखा किया। रजिस्ट्री कराने से दो दिन पहले हंसराज से पेमेंट के बारे में बात हुई तो उसने कहा पूरी पेमेंट दे दूंगा। फिर रजिस्ट्री पर उसने सिर्फ 15 लाख रुपये का चेक दिया और बोला बाकी पेमेंट कैश में दूंगा। चार दिन बाद उसको फोन किया तो बोला कि बुआ का लड़का पैसे देगा, तब दूंगा। इस तरह से रजिस्ट्री के भी तीन महीने गुजर गए लेकिन पेमेंट नहीं दी। मेरे हंसराज की तरफ 36 लाख 60 हजार रुपये बकाया है। इसलिए परेशान होकर मैंने इतना भारी कदम उठाया है और इसका जिम्मेदार हंसराज निवासी नानकहेड़ी दिल्ली है। मेरे पैसे मेरे बच्चों को दिलवाए जाएं।
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