डाटा एंट्री ऑपरेटर ने HSVP को लगाया 38.33 लाख का चूना, पत्नी- बच्चों के खातों में ट्रांसफर किए रुपये

हरिभूमि न्यूज : रेवाड़ी
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के संपदा अधिकारी कार्यालय में कार्यरत रहे एक डाटा एंट्री ऑपरेटर पर 38.33 लाख रुपए के गबन का मामला सामने आया है। आरोपी ने यह राशि अपने बीवी-बच्चों और परिचितों के 13 बैंक खातों में आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर करने का आरोप है, जिसके लिए अधिकारियों के फर्जी साइनों का सहारा लिया गया। प्राधिकरण के लेखाधिकारी की ओर से दर्ज शिकायत के आधार पर थाना मॉडल टाउन पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी है। आरोपी को पूछताछ के लिए हिरासत में लेने की सूचना है, परंतु पुलिस ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है।
प्राधिकरण कार्यालय के लेखाधिकारी सूरजभान शर्मा ने पुलिस को लिखे पत्र में बताया कि गोकलगढ़ निवासी विजय यादव प्राधिकरण के कार्यालय में आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत वर्ष 2017 में डाटा एंट्री ऑपरेटर लगा था। उसने पंचकूला के मनी माजरा स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा से एचएसवीपी के बैंक खाते से अपनी पत्नी, दो बेटियों और परिचितों के नाम अलग-अलग समय पर आरटीजीएस से की गई ट्रांजेक्शनों से 13 बार में 3832960 रुपए की राशि ट्रांसफर कर दी। वह प्राधिकरण में दो बार डाटा एंट्री ऑपरेटर रहा था। पत्र में आरोप लगाया है कि विजय यादव ने टेंपरिंग सिग्नेचर के आधार पर यह राशि बैंक खातों में ट्रांसफर की। लेखाधिकारी की शिकायत पर मॉडल टाउन पुलिस ने आरोपी के खिलाफ गबन का केस दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी।
इन खातों में हुआ पैसा ट्रांसफर
लेखाधिकारी की ओर से पुलिस को प्रेषित पत्र के अनुसार विजय यादव ने पहली बार अपनी पत्नी सुशीला के खाते में 3.58 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे। इसके बाद उसने अपनी बेटी वर्षा के खाते में 3.36 लाख, हीना के खाते में 3.97 लाख रुपए ट्रांसफर किए। इसके बाद भी उसने इनके खातों में कई बार पैसे ट्रांसफर किए। इनके अलावा उसने नीरज, निशा, टीकराम और मकसूद के खातों में भी गबन की राशि आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर की थी। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद आरोपी को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है।
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