Mahendragarh-Narnaul News : मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर जिले में 83500 एकड़ बाजरे का डाटा मिसमैच, किसान परेशान

Mahendragarh-Narnaul News : मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर जिले में 83500 एकड़ बाजरे का डाटा मिसमैच, किसान परेशान
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बाजरा का डाटा मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर मिसमैच होने के कारण मंडी पहुंचने पर किसानों के गेटपास नहीं काटे जा पा रहे। सरकार ने यह नियम भी बनाया हुआ है कि हैफेड केवल उन्हीं किसानों का बाजरा कामर्शियल रेट पर परचेज करेगी, जिन्होंने पोर्टल पर पंजीकरण करवाया हुआ है।

राजकुमार/ नारनौल। मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर बाजरा की फसल का डाटा मिसमैच होना प्रशासनिक अधिकारियों एवं किसानों के गले की फांस बन गया है। इस कारण सोमवार को हैफेड द्वारा बाजरा खरीद के पहले दिन कनीना मंडी में केवल 30 क्विंटल बाजरा ही खरीदा जा सका है, जबकि छह मंडियों में से पांच मंडियां अब भी शून्य पर बरकरार है। शनिवार को सीएम के वीडियो कांफ्रेंस में दिए गए आदेशों के चलते जिले के प्रशासनिक अधिकारी खेतों में बाजरा फसल की पुष्टि करने में लगे हुए हैं। जिले में 83,500 एकड़ में बाजरा फसल का डाटा मिसमैच चल रहा है।

उल्लेखनीय है कि जिले के किसानों द्वारा खरीफ फसल के दौरान बाजरा, ग्वार एवं कपास की फसलें बोई जाती हैं। इस साल भी खरीफ के दौरान इन फसलों को बोया गया और अब बाजरा फसल की लावणी करने उपरांत किसान मंडियों में भी पहुंचने लगे हैं। सरकार ने सोमवार से हैफेड के जरिए बाजरा की खरीद कामर्शियल रेट पर करवाए जाने का निर्णय लिया हुआ है, लेकिन बाजरा का डाटा मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर मिसमैच होने के कारण मंडी पहुंचने पर किसानों के गेटपास नहीं काटे जा पा रहे। सरकार ने यह नियम भी बनाया हुआ है कि हैफेड केवल उन्हीं किसानों का बाजरा कामर्शियल रेट पर परचेज करेगी, जिन्होंने पोर्टल पर पंजीकरण करवाया हुआ है, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि जब किसान मंडी पहुंचे तो किसानों का बाजरा एवं खेतों से डाटा मैच नहीं हुआ, जिस कारण ऑनलाइन पोर्टल ने उनके गेटपास नहीं काटे। नारनौल मंडी में हालांकि पहले दिन मात्र आठ किसान ही बाजरा लेकर पहुंचे थे, लेकिन इनमें से भी कुछेक का डाटा मिसमैच होने की परेशानी का सामना करना पड़ा तथा उनके गेट पास नहीं काटे जा सके। सोमवार को पहले दिन नारनौल मंडी ही नहीं, अटेली, कनीना, महेंद्रगढ़, नांगल चौधरी एवं सतनाली में भी बाजरा की खरीद हैफेड के जरिए नहीं हो पाई। हैफेड किसानों का साफ-सुथरा बाजरा 2200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद करेगी तथा सरकारी समर्थन मूल्य 2500 रुपये प्रति क्विंटल होने के चलते 300 रुपये भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों के खाते में डाले जाने हैं, लेकिन सोमवार को हैफेड की खरीद के पहले दिन केवल कनीना मंडी में मात्र 30 क्विंटल बाजरा ही खरीदा जा सका है। हालांकि उम्मीद थी कि हैफेड की खरीद चालू होने पर मंडी की तरफ किसान दौड़ पडे़ेंगे, लेकिन सोमवार को ऐसा नहीं हुआ और अधिकांशतया मंडियों में सन्नाटा जैसे हालात बने रहे।

डीआरओ सुशील शर्मा ने बताया कि बाजरा की वेरीफिकेशन तीन प्रकार से की गई है। एक कृषि विभाग, दूसरा पटवारी व गिरदावर तथा तीसरी वेरीफिकेशन हारसेक चंडीगढ़ की टीम ने रिमोट सेंसिंग (सैटेलाइट) के जरिए की है। इन तीनों की रिपोर्ट आपस में मिलान नहीं कर रही। जिस कारण सरकार ने पुन: वेरीफिकेशन करने को कहा है। इसी कारण वेरीफिकेशन का कार्य फिर से किया जा रहा है और इसमें पटवारी, गिरदावर एवं ग्राम सचिव तक को लगा दिया गया है। जिले में 83500 एकड़ फसल का डाटा मिसमैच है, जिसे इस सप्ताह में वेरीफाई करना है।

हैफेड के जीएम नीरज त्यागी ने बताया कि सोमवार से हैफेड ने कामर्शियल रेट 2200 रुपये प्रति क्विंटल पर बाजरा खरीदना शुरू कर दिया है। पहले दिन जिले की केवल कनीना मंडी में 30 क्विंटल बाजरे की खरीद हो पाई है। संभवतया मौसम खराब होने की वजह से पहले दिन किसान मंडियों में कम पहुंचे हैं। डाटा मिसमैच की समस्या भी सामने आई है, जिसे संबंधित अधिकारी दूर करने में लगे हुए हैं।

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