घोड़ी पर बिठाकर निकाला बेटी का बनवारा

हरिभूमि न्यूज. रेवाड़ी
गांव लिसान निवासी सुखबीर सिंह ने अपनी उच्च शिक्षित बेटी शीतल का बनवारा घोड़ी पर बिठा कर व गाजे-बाजे से निकाला। वहीं वर पक्ष ने भी दहेज न लेकर मिशाल पेश की। 15 मार्च को होने वाली शादी में दोनों पक्षों द्वारा किये जा रहे सराहनीय कार्यों की रिश्तेदारों व ग्रामीणों ने भूरि-भूरि प्रशंसा की है।
लिसाना निवासी सुखबीर सिंह की बेटी शीतल का रिश्ता कंवाली निवासी सतेन्द्र यादव के पुत्र देवेन्द्र यादव के साथ तय हुआ। सतेन्द्र जहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में सहायक प्रवर्तन अधिकारी पद पर आसीन हैं, वहीं शीतल केमस्ट्री विषय में नेट जेआरफ उर्तीण कर प्रतिस्पर्धा परीक्षाओं की तैयारी कर रही हैं। शिक्षित परिवार व उच्च शिक्षित वर-वधू ने दहेज रहित शादी करने का फैसला लिया। जिसका सभी ने स्वागत किया। वर पक्ष ने लग्न समारोह में केवल एक रुपया को ही स्वीकार कर दहेज प्रथा पर कुठाराघात किया।
सुखबीर सिंह का कहना है कि उनके बेटी को कभी अपने बेटे से कम नहीं समझा तथा बेटी को बेटे के बराबर शिक्षित किया है, तो शादी में बेटे की तरह बेटी को घुड़चढ़ी से कैसे रोक सकते थे। इस मौके पर उदयभान पूर्व सरपंच, सूरत सिंह, धर्मपाल, वेदप्रकाश, जगदेव, उदयसिंह, दलबीर, ईश्वर सिंह, मार्केट कमेटी के सचिव यदुराज आदि ने प्रशंसा की।
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