डेडलाइन निर्धारित : अब डेयरी शिफ्ट करने में नहीं चलेगा कोई बहाना, पशुओं को कब्जे में लेकर डेयरियां सील करेगा प्रशासन

हरिभूमि न्यूज : करनाल
पिंगली स्थित डेयरी शिफ्टिंग स्थल पर डेयरी निर्माण में इसके संचालकों का काम आसान करने के लिए नगर निगम कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा। सड़कें, बिजली व पानी जैसी जरूरतें पूरी करने के बाद अब स्थल पर निगम की ओर से अलॉट किए गए और गैर-अलॉट सभी प्लाटों की निशानदेही की गई है। प्रत्येक प्लॉट की बाउण्डरी पर सी.सी. निर्मित पक्के पिल्लर और उन पर प्लॉट नम्बर लगाए जा रहे हैं, अधिकांश पिल्लर लगाए भी जा चुके हैं। इस तरह से अब डेयरी संचालकों के पास डेयरी शिफ्ट न करने का कोई बहाना नहीं रह जाता, वे बिजली का कनेक्शन लेकर डेयरी निर्माण कार्य शुरू कर सकते हैं। यही नहीं पाइप लाइन से पानी के कनेक्शन सभी प्लाटों तक पहुंचा दिए गए हैं।
नगर निगम आयुक्त डॉ. मनोज कुमार ने इस सम्बंध में बताया कि डेयरियां शिफ्ट करने के लिए डेयरी संचालकों की कुछ जरूरतें थी, जो पूर कर दी गई हैं। इनमें सभी प्लाटों की पैमाइश व पिल्लर लगाना, पेयजल व रास्तों का निर्माण किया गया है। जो प्लाट धारक अपने प्लाट पर निर्माण शुरू करेगा, उसकी 3 फुट तक मिट्टी की भरपाई निगम करवाकर देगा। इन सब सुविधाओं के बावजूद निगमायुक्त का कहना है कि जो डेयरी संचालक अब भी डेयरी शिफ्टिंग में कोई रूचि नहीं दिखाएगा, उसके पशुओं को अपने कब्जे में लेकर डेयरी को सील करने जैसी कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि निगम द्वारा यह कार्रवाई पहले भी की गई थी और पशुओं को कब्जे में लेकर प्रत्येक पशु को छुड़वाने के लिए 5 हजार रुपये का जुर्माना तय किया गया था, अब जुर्माने की नई राशि क्या होगी, इस पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि डेयरियों को सील करने के लिए निगम, अधिकारियों की कमेटी गठित करने जा रहा है, जो पशुओं को कब्जे में लेने से लेकर जुर्माना लगाने तक की कार्रवाई अमल में लाएगी।
डेयरी शिफ्टिंग स्थल पर हैं 232 प्लॉट : निगमायुक्त ने बताया कि डेयरी शिफ्टिंग स्थल शहर से बाहर एक उपयुक्त जगह पर बनाया गया है, जो शहर से ज्यादा दूरी पर नहीं है। इस जगह तक पक्की सड़क पहले से ही मौजूद है, जिससे लोगों को आने-जाने में कोई दिक्कत नही आएगी। डेयरियों से निकलने वाले मल-मूत्र का यहां अच्छे से निस्तारण किया जा सकता है। उन्होंने भविष्य की संभावनाओं का जक्रि करते कहा कि जैसे ही डेयरियां यहां शिफ्ट होंगी, डेयरी आधारित कोई उद्योग-धंधे भी स्थापित हो सकते हैं। इससे लोगों को रोजगार मिलेगा। यही नहीं जो डेयरियां वर्तमान में शहर की घनी आबादी में हैं और कम पर्याप्त स्थल पर चलाई जा रहीं हैं, उन्हें प्लाटों में सभी सुविधाएं मौजूद पाने में मदद मिलेगी। जहां तक सुरक्षा की बात है, डेयरी एसोसिएशन वहां अपना कोई व्यक्ति रात्रि गश्त पर भी रख सकता है, वैसे यह जगह पूरी तरह से सुरक्षित है।
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