Kurukshetra : गुरुकुल का प्राकृतिक कृषि फार्म देखकर अभिभूत हुए जूनागढ़ विश्वविद्यालय के डीन और वैज्ञानिक

हरिभूमि न्यूज. कुरुक्षेत्र। गुरुकुल कुरुक्षेत्र के प्राकृतिक कृषि फार्म का अवलोकन करने हेतु गुजरात की जूनागढ़ कृषि यूनिवर्सिटी के डीन, कई प्रोफेसर और कृषि वैज्ञानिकों के साथ पहुंचे। गुरुकुल में पहुंचने पर व्यवस्थापक रामनिवास आर्य सहित प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक डॉ. हरिओम ने सभी अतिथियों का जोरदार स्वागत किया और तत्पश्चात् सभी फार्म हेतु रवाना हुए।
इस दल में यूनिवर्सिटी के डीन सवालिया शान्तिलाल गोर्वधन, प्रोफेसर वरंजलाल दयाभाई, देवसी शामजी, परागजी भाई, कृषि वैज्ञानिक सुरेश कुमार, प्रभुदयाल कुमावत, अमित मन्सुखभाई सहित कुल 30 लोग शामिल रहे। वहीं हिमाचल की हालोल यूनिवर्सिटी से डॉ. वी. पी. उस्डाडिया, डॉ. जी. एन. थॉराट, एसिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कोटाडिया, डॉ. बीमानी और फार्म मैनेजर रवि पटेल आदि ने भी गुरुकुल फार्म का दौरा किया। फार्म पर डॉ. हरिओम ने सबसे पहले अतिथियों को सब्जियों की फसल में प्लास्टिक मल्चिंग और ड्रिप सिंचाई द्वारा खरपतवार प्रबंधन के लिए तैयार किया गया मॉडल दिखाया।
उन्होंने बताया कि सब्जियाें की फसलों के लिए यह मॉडल बेहद कारगर साबित होगा और इससे कृषि के क्षेत्र में नई क्रांति आएगी। उन्होंने बताया कि इस मॉडल से किसान बिना जुताई के बहुत कम खर्च और पानी से अलग-अलग कई फसल ले जाएंगे और उत्पादन भी अच्छा होगा। इस दौरान उन्होंने प्राकृतिक खेती संबंधित अनेक सवालों के संतोषजनक जवाब दिये। व्यवस्थापक रामनिवास आर्य ने फार्म पर स्थित जीवामृत निर्माण संयंत्र के बारे में विस्तार से बताया।
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