चौधरी मित्रसेन आर्य की पुण्यतिथि पर प्रतिभावान छात्रों को किया सम्मानित, मंत्री कमलेश ढांडा बोलीं- स्वर्गीय चौधरी मित्रसेन के जीवन से लें प्रेरणा

नारनौंद। वैदिक पथ के पथिक स्वर्गीय चौधरी मित्रसेन आर्य की शुक्रवार को 13वीं पुण्यतिथि गांव खांडाखेड़ी में मनाई गई। इस अवसर पर परम मित्र मानव निर्माण संस्थान की ओर से प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। समारोह में परम मित्र मानव निर्माण संस्थान के ओर से क्षेत्र के 500 से अधिक प्रतिभावान विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा, परम मित्र मानव निर्माण संस्थान के अध्यक्ष कैप्टन रूद्रसेन, पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, स्वामी प्रणवानंद, स्वामी आर्यवेश, स्वामी धर्मदेव सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
समारोह को संबोधित करते मुख्यातिथि राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि स्वर्गीय चौधरी मित्रसेन के जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए, कैसे उन्होंने संघर्ष से परिवार को आगे बढ़ाया और पूरे समाज के लिए प्रेरणा बने। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय चौधरी मित्रसेन आर्य नेक इंसान थे। उन्होंने समाज में रहकर अनेक ऐसे कार्य किए जो कि आज भी याद किए जा रहे हैं। कम पढ़े-लिखे होने के बावजूद भी उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी कार्य करते हुए प्रदेश में ही नहीं बल्कि दूसरे प्रदेशों में भी गुरुकुल खोलने का काम किया। आज उनमें हजारों छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उन्हीं के पद चिन्हों पर उनका परिवार भी चलकर अनेक सामाजिक कार्य करने में जुटा हुआ है। राजनीतिक में कैप्टन अभिमन्यु हमेशा मुझे हौसला देते रहे हैं। उन्हीं के हौसले से में इस मुकाम पर पहुंची हूं। उन्होंने हलके में इतने विकास कार्य किए थे जिनकी पूरे प्रदेश में चर्चा थी। वह लगातार आगे बढ़ रहे हैं।
मित्रसेन जी से लिया था जीवन में संगठित होने का सूत्र : जांगड़ा
समारोह को संबोधित करते हुए राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि जब मानवीय मूल्यों का जिक्र होता है तो मैं हमेशा चौधरी मित्रसेन की चर्चा करता हूं। जब मैंने उनसे जीवन में संगठित होने का सूत्र मांगा तो वह बोले परिवार एक सूत्र में बना रहे। आपस में भाई तो तालमेल से रह सकते हैं लेकिन दूसरे परिवारों में से उनके लिए लाई गई पत्नियां अलग-अलग विचारों की होती है। उनमें और बेटों में तालमेल बनाकर रखना ही परिवार के संगठन का सूत्र है। उन्होंने कहा कि कैप्टन अभिमन्यु ने हलके में ऐतिहासिक विकास कार्य करवाए थे। वह पिछला चुनाव हार गए थे। इस वजह से हलके को बहुत नुकसान हुआ है। लोगों को सोच समझकर फैसला लेना चाहिए ताकि हलका विकास के मामले में बहुत आगे जा सके।
पिताजी के पदचिन्हों पर चलकर हम उनके कार्यों को आगे बढ़ा रहे : कैप्टन रूद्रसेन
परम मित्र मानव निर्माण संस्थान के अध्यक्ष कैप्टन रूद्रसेन ने कहा कि हम पिताजी के जीवन का अवलोकन करते हैं तो बचपन से आखिर तक उनकी मेहनत व विवेक की याद आती है। वे कर्तव्य के पथ पर चलते थे और उन्हीं के पदचिन्हों पर हम चलकर उनके कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं। परम मित्र मानव निर्माण संस्थान से हम अच्छे मानव के निर्माण करने की सोच पर कार्य कर रहे हैं। छात्र पुरस्कार योजना भी उनके विचारों से ही शुरू की थी ताकि छात्र सम्मानित होकर अपने आपको गौरवान्वित महसूस करें और उनके पदचिन्हों पर चल सके। उन्होंने छात्रों को शिक्षा देने के लिए अनेक प्रदेशों में गुरुकुल खोलें और अब हमने भी दो प्रदेशों में और गुरुकुल खोलें हैं ताकि वहां पर छात्र शिक्षा ग्रहण कर सकें।
स्वर्गीय मित्रसेन आर्य को याद कर उनके पद चिन्हों पर चलने का आह्वान
नारनौंद। परम मित्र मानव निर्माण संस्थान के संस्थापक स्वर्गीय चौधरी मित्रसेन आर्य की 13वीं पुण्यतिथि पर गांव खांडाखेड़ी में प्रतिभा सम्मान समारोह समेत कई कार्यक्रमों का आयोजन कर उन्हें याद किया गया और उनके पदचिन्हों पर चलने का आह्वान किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत शुक्रवार सुबह हवन यज्ञ से हुई। हवन में सिंधु परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों तथा क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने आहुति डालकर स्वर्गीय मित्रसेन आर्य को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद प्रतिभा सम्मान समारोह की शुरुआत स्वागत गीत, मित्र गाथा कार्यक्रम के साथ हुई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा ने संस्थान को 11 लाख रुपये देने की घोषणा भी की। पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि स्वर्गीय चौधरी मित्रसेन आर्य का संकल्प था कि मनुष्य बनो और श्रेष्ठ बनो। उन्हीं के पदचिन्हों पर चलकर जीवन को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है। छात्र सम्मान समारोह में छात्रों को जो राशि दी जाती है वह उनकी पहली कमाई है। वे इसको लेकर आगे बढ़े और अपने लक्ष्य को पाने में कामयाब हो। छात्रों को प्रेरणा देने का यह प्रयास है। उन्होंने कहा कि छात्रों में जो ऊर्जा दिखाई दे रही है, इस ऊर्जा में इनके अध्यापकों ने भी काफी मेहनत की है और माता-पिता ने कष्ट से बच्चों को पढ़ाते हैं। छात्रों की इस मेहनत में माता-पिता का भी अहम योगदान रहता है। उन्होंने कहा कि परम मित्र मानव निर्माण संस्थान द्वारा हर वर्ष स्वर्गीय चौधरी मित्रसेन आर्य की पुण्यतिथि पर प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया जाता है। इस कार्यक्रम में क्षेत्र के उन प्रतिभावान छात्रों को सम्मानित किया जाता है। जिन्होंने परीक्षाओं में 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हो। पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने बताया कि प्रदेश सरकार में मंत्री कमलेश ढांडा भी ऊर्जा के साथ कार्य करती है। आज स्वर्गीय नरसिंह ढांडा इस दुनिया में नहीं है। वे मुझको हमेशा हौसला देते थे और हमेशा संघर्ष की बातें करते थे।
मित्रसेन का जीवन पवित्र और सात्विक था : प्रणवानंद
स्वामी प्रणवानंद ने बताया कि स्वर्गीय चौधरी मित्रसेन आर्य का जीवन पवित्र और सात्विक था मानवता के प्रति वह अनेक ऐसे कार्य करते थे जिनके जिक्र आज भी होते हैं। उनका परिवार आदर्श परिवार है। हम सबको मिलकर आर्य व वैदिक धर्म के लिए कार्य करते रहना चाहिए। ऐसे अवसरों पर हम शपथ लेकर जाएं कि सभी छात्र संस्कार व शिक्षा को आगे बढ़ाएं। छात्रों को जो सम्मान देने की उनकी सोच थी। छात्र इसी सोच के साथ आगे बढ़ता रहे कि उसे भविष्य में इससे भी ज्यादा करना है। छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों को भी अपनाना चाहिए।
मित्रसेन का जीवन बड़ा संघर्षशील रहा : आर्यवेश
स्वामी आर्यवेश ने कहा कि स्वर्गीय मित्रसेन आर्य का जीवन बड़ा संघर्षशील रहा है। बचपन में ही उनकी पढ़ाई छूट गई थी और घर का सारा बोझ उनके कंधों पर आ गया। उन्होंने कृषि के साथ-साथ अपने परिवार को आगे बढ़ाने के लिए छोटा सा उद्योग लगाया और बुलंदियों तक पहुंचाया। वह हमेशा जमीन से जुड़े रहे। हिंदी आंदोलन में वह जेल गए। उस समय के मित्रों को भी उन्होंने कभी नहीं भूला। उनको कृषक रतन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। प्रत्येक वर्ष छात्रों को सम्मानित करना बड़ा अच्छा कार्य है। छात्र भी उनसे प्रेरणा ले कि उन्होंने छोटे से कार्य को ऊंचाइयों तक पहुंचाया। प्रतिभा दायरे में नहीं बनती कहीं भी पैदा हो सकती है। उनका पूरा परिवार अनेक क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है। लोगों को उनसे संगठित होने की सीख लेनी चाहिए।
गुरुकुल को बढ़ावा दिया : स्वामी धर्मदेव
समारोह को संबोधित करते हुए स्वामी धर्मदेव ने बताया कि स्वर्गीय मित्रसेन एक ऐसे परिवार का निर्माण करके गए हैं कि जो उनके पद चिन्हों पर चलकर समाज में जागृति फैला रहा है। उन्होंने दूसरे प्रदेशों में गुरुकुल खोलकर शिक्षा की पद्धति को आगे बढ़ाया है। उन्होंने परिवार के निर्माण बल पर ध्यान दिया।
चौधरी मित्रसेन के जीवन पर लघु नाटिका का मंचन
समारोह में इंडस शिक्षण संस्थान के विद्यार्थियों ने स्वर्गीय चौधरी मित्र सेन के जीवन पर आधारित लघु नाटिका का मंचन किया। लघु नाटिका के माध्यम से मानव कल्याण के कार्य करते हुए चौधरी मित्रसेन आर्य लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने।
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